उपराष्ट्रपति द्वारा ‘जनता की कहानी-मेरी आत्मकथा’ विमोचित

नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा के रुज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा लिखित एवं उनके जीवन पर आधारित पुस्तक 'जनता की कहानी-मेरी आत्मकथा' का विमोचन दिल्ली स्थित महाराष्ट्रसदन…

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हम और वो-एक बाड़ के आर-पार

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** बो दिए हैं हमने,हम और वो के बीजकाँटेदार झाड़ियाँ,लोहे की बाड़समानांतर सोचों की ऊँची फेंसिंग-धीरे-धीरे वो ऊँचाई पा गई है,जिससे अब कोई देख न सके…

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मुख पर पहरा था

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* फूलों के चेहरे उतरे थेपत्तों के गुमसुम तेवर थे,कंपित से खड़े चिनार थेखफ़ा मानव से देवदार थे,मौसम में स्याह वीरानी थीक्या चाल कोई चली जानी थी…

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भुला दिया तुमने

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** भुला दिया तुमने ज़ख्म ऐसा दिया तुमने,क्या कुसूर था मेरा जो दगा दिया तुमने। खता की थी तुमने और सजा दी मुझको,यह कैसा है इंसाफ…

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पाक के हक में चीन की बौखलाहट

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से चीन बौखला गया है। पाकिस्तान की करारी हार एवं उसे दिए गए सबक को चीन पचा…

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जल रही धरा

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** जल रही धरा यहाँ,जल रहा है आसमाँताप का प्रकोप ये,दिखा रहा अलग जहाँ। वर्ष-वर्ष बढ़ रही,सोख पानी सब रहीकाट-काट पेड़ सब,हरीतिमा को हर रही। यह मानव का…

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क्या बतलाएं यार!

जी.एल. जैनजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* एक पागल केस्वस्थ्य होने पर,परीक्षक नेपरीक्षण के तौर पर,किए कुछ सवालताकि पता लग जाएकैसा है मरीज़ का हाल! परीक्षक नेचर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा-आप तोकाफी समझदार,नगर…

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श्रृंगारित इमली

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* सघन मेघ का गगन देख फूला न समाई सारी इमलियाँ,कंकाल बदन पर पल्लव छाए मनाने लगी अब रंगरलियाँवस्त्र बेशकीमती ओढ़ बदन पर सज्जित हुई गली-गलियाँ,बांध दिए…

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आखिर में मैं जीत ही गया

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** आखिर में मैं जीत ही गया, ये बात मैं जानता हूँ,सच्चाई का रास्ता हमेशा कठिन होता है, ये मैं जानता हूँ। आखिर में, मैं जीत गया,…

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लाल गुलाब की अभिलाषा

मंजू अशोक राजाभोजभंडारा (महाराष्ट्र)******************************************* लाल गुलाब से एक दिन मैं यूँ ही पूछ बैठी,आखिर क्या हमसे है रहती, तुम्हारी अभिलाषा ? वह मुझसे कहने लगा,-बहुत दिनों से थी, मेरे मन…

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