जीती उल्फ़त
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* हारी नफ़रत जीती उल्फ़त।करता क्यूँ कर कोई हैरत। बात नहीं थी जब कानूनन,कैसे होता कोई सहमत। बात उसी की माने हरदम,जिससे जिसकी होती निस्बत।…
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* हारी नफ़रत जीती उल्फ़त।करता क्यूँ कर कोई हैरत। बात नहीं थी जब कानूनन,कैसे होता कोई सहमत। बात उसी की माने हरदम,जिससे जिसकी होती निस्बत।…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** तारों की थी चमक सब तुमसे,चंदा का था तुमसे शीतल नूरसूरज की उष्मित उजियाली थी तुमसे,आखिर क्यों चले गए तुम मुझसे दूर ? रूठना-मनाना सब चला…
ललित गर्गदिल्ली************************************** संयुक्त राष्ट्र की एक रपट में यह जानकारी दी गई है कि, प्रसव एवं उसके पश्चात जच्चा-बच्चा की मौतों के मामले में जिन देशों की स्थिति बहुत नकारात्मक…
सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** जो गिर गया,उसे गिरने का क्या डरउठ खड़े हो जाना,संभल के फिर तोवो आदमी हो जाते या हैवान। उठना, संभल जाना,स्वयं है काल की पुकार मेंजाना है…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* वो जज़्बातों की गहराई, दिखाने को कहा करते।मगर दिल ही नहीं दिखता, न पैमाने हुआ करते॥ किसी दिल में सजा क्या कौन, ये बातें भला…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली... अब तक जग में मैं रहा, होकर के अंजान।पाई भोले की शरण, हुआ कष्ट अवसान॥ निज संरक्षण में रखो, भटक न जाऊँ राह।नित्य…
जबलपुर (मप्र)। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु संकल्पित प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के सलाहकार गुंडाल विजय कुमार के मार्गदर्शन में संस्था ने कई प्रतिभाओं को सम्मानित किया है। यह सम्मान…
रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** कितना भी भुलाए,भूलती कहाँ हैवह बचपन की बातें,वह आँगन के अहातेवह गुड़ियों के संग,विवाह रचाना,वह मम्मी से छुपकरनमकीन चुराना,वह पत्तों से पूरीपकवान बनाना,वह मिलकर सब फिरहँस-हँस के…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आदिम आदमी,कुछ कुछ जानवर था कभीफिर इंसान-सा बना,फिर इंसान बनाफिर एक दौर चला…फिर इंसान-सा बना,फिर कुछ जानवर-सा।फिर इंसान देखो…,आदिम आदमी बन रहा है…॥ परिचय–ममता तिवारी का जन्म…
कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** अभिमान देह पर, प्रबल हो जाए यदि,मन यह होके कमजोर टूट जायेगा॥मतलबी साथी कोई, मिल जाए जग में तो,दोस्ती निभाने वाला, यार छूट जायेगा॥ मातृभूमि पर…