बरखा बहार
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** बरखा बहार,कर हरियाली का श्रृंगारकड़कड़ाती बिजली,डराती पंछियों कोनाचता मोर निडर होकर,कर रहा स्वागतइंद्रधनुष का,जो बादल के बीच सेनाचते मोर को दे रहा हौसला। आम के झुरमुट…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** बरखा बहार,कर हरियाली का श्रृंगारकड़कड़ाती बिजली,डराती पंछियों कोनाचता मोर निडर होकर,कर रहा स्वागतइंद्रधनुष का,जो बादल के बीच सेनाचते मोर को दे रहा हौसला। आम के झुरमुट…
डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* बड़ी अदालत ईश की, मिले जहाँ पर न्याय।चूक नहीं होती वहाँ, लगे न कोई हाय॥ न्याय माँगने के लिए, वादी करता वाद।मन में इक आशा…
ललित गर्ग दिल्ली*********************************** जन्म दिवस (२३ जून) विशेष... प्राचीन समय से लेकर आधुनिक समय तक अनेक साधकों, आचार्यों, मनीषियों, दार्शनिकों, ऋषियों ने अपने मूल्यवान अवदानों से भारत की आध्यात्मिक परम्परा…
राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** स्वस्थ मन में ही स्वस्थ तन का विकास होता है। हमने अपने मन में न जाने नकारात्मकता का कितना कचरा भरा हुआ है। यदि स्वस्थ रहना चाहते…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* रंग-बिरंगे फूल खिले हैं,कितने प्यारे फूल खिले हैंखिले हैं फूल महकते हुए,ताज़ा हैं फूल बिखरे हुए। मुस्कुराकर खिलते हैं फूल,इठलाकर खिल उठे हैं फूलनन्हे से फूल…
धनबाद (झारखंड)। कोयला नगर स्थित बी.सी.सी. एल अतिथि गृह में रविवार की शाम को साहित्योदय संस्था द्वारा काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें देश के जाने-माने ग़ज़लकार राजपाल यादव 'राज'…
सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* सतहों पर खामोशी हैपर मन में कितना शोर है,चुप-चुप सी लगती दीवारें…अंदर की बात और है। कहने को व्याकुल-सी खटियाकरती चरमर दिन-रात है,आजू-बाजू से निकल रहे…पर…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** अच्छे इंसान बनो,बस विद्वान बनो। कभी ना लड़ना,बस आगे बढ़ना। होना खूब सफल,तभी सुनहरा कल। सबको उम्मीद तुमसे,गिरना ना डगर से। तुम्हीं भविष्य कल का,अच्छे काम…
ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* बेचैनी क्यों है इतनी,जब हर समस्या का हल है। आज परेशान हो जितना,उतनी ही खुशियाँ कल है। सुख-दुःख है आना-जाना,यही सत्य अटल है। चिंताओं में गुम ना…
🔹सम्मान समारोह नई दिल्ली। विष्णु प्रभाकर खुद भी आवारा मसीहा थे। वे भी उद्देश्यों को लेकर हमेशा भ्रमणशील रहे। विष्णु प्रभाकर भी इतने ही सादगी पसंद व्यक्तित्व थे। विष्णु जी…