शिव जीवन आधार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम... महादेव श्री शम्भु शिव, है जीवन आधार।चरणों में इनके टिका, ये सारा संसार॥ अपने जो आराध्य का, करते हैं नित ध्यान।देवों के…

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‘हँसी’ एकजुट करने में सक्षम

ललित गर्ग दिल्ली************************************** 'विश्व हास्य दिवस' (५ मई) विशेष... 'विश्व हास्य दिवस' एक उपहार है, एवं बिना खर्च के खुशियाँ मनाने एवं हंसकर तनाव दूर करने का विलक्षण एवं अद्भुत…

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आर्यावर्त की हिंदी हूँ

ज्योति नरेन्द्र शास्त्रीअलवर (राजस्थान)************************************************* मैं आर्यावर्त की हिंदी हूँ,हिंदुस्तान का गुणगान हूँ मैंकभी सूर में, कभी रहीम में,तुलसी के मानस का गान हूँ मैं। प्रेमचंद का उपन्यास हूँ मैं,छंद, सुरों…

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कितनी मेहनत करता है…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... पसीने से तर-बतर,वो कितनी मेहनत करता हैखून-पसीने की कमाई से,अपना घर चलाता है। कितने भी हों कठिन रास्ते,वो बिल्कुल नहीं घबराता हैअपने…

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कश्ती से मैंने कहा-चलते रहो

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** कश्ती से मैंने कहा-"बस अगले मोड़ पर सुकून होगा, बस चलते रहो…सरिता के साथी, तैरने का सफर, साहस और उत्साह का बसेरा। लहरों की गहराइयों में,…

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तुम मानो या न मानो…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** आता ये बेखटके सामने बिना बुलाए,कैसे गम छिपाए इन्हें कहाँ दिल ले जाए…। सोचा था कम से कम कायदा तो समझोगे,छोड़ो भी तुम अब क्या वायदे को…

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खुशियों से दूरी है

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जीवन संघर्ष..... मैं मजदूर हूँ, मजबूर हूँ, खुशियों से दूरी हैतकदीर लिखी है रब ने कैसी!हर पल ही मजबूरी है। भार धरा पर खूब उठाता,पर पीड़ा कोई…

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बासी रोटी भी कहाँ!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* बासी रोटी के लिए, भटक रहे बहु लोग।कैसी आजादी मिली, फँसे कोटि जन रोग॥ देख भूख की विवशता, क्रन्दित है कवि चित्त।कैसी जनता अवदशा,…

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…लो आया मौसम चुनाव का

डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्लइन्दौर (मध्यप्रदेश)****************************** सारा देश बना इन दिनों रंगमंच,नित नये चल रहे कौतुक सततपटाक्षेप भी हो पाता नहीं,कि शुरू हो जाता नया नाटक...लो आया मौसम चुनाव का!प्रत्याशियों की…

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ग़ज़ल-कविताओं से सजी शानदार काव्य गोष्ठी

दिल्ली। साहित्य अर्पण के काव्य मंच 'अंजुमन काव्य गोष्ठी' में रविवार को काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। दिग्गज कवि-कवियित्रियों द्वारा इस मौक़े पर बेहतरीन ग़ज़लों और कविताओं का वाचन…

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