केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के सहयोग से ‘कंडी की सांस्कृतिक विरासत’ प्रकाशित

होशियारपुर (पंजाब)। शिवालिक पहाड़ियों वाले पंजाब के गुरदासपुर, होशियारपुर, नवांशहर, रूपनगर व पटियाला के भू-भाग को 'कंडी का इलाका' नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र की अपनी अलग…

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सशक्त हस्ताक्षर की काव्य गोष्ठी सम्पन्न

जबलपुर (मप्र)। साहित्यिक संस्था सशक्त हस्ताक्षर ने जानकी रमण महाविद्यालय में नववर्ष पर मासिक काव्य गोष्ठी आयोजित की। मुख्य अतिथि महामहोपाध्याय आचार्य डॉ. हरिशंकर दुबे रहे। अध्यक्षता अमरेन्द्र नारायण ने…

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बल्ली सिंह चीमा को ‘शिरोमणि साहित्यकार सम्मान’ मिला

पंजाब। भाषा विभाग (पंजाब) ने अपने वार्षिक पुरस्कार घोषित किए हैं। इसमें हिन्दी भाषा-श्रेणी के अन्तर्गत वर्ष-२०१८ का 'शिरोमणि साहित्यकार सम्मान' प्रतिबद्ध रचनाकार बल्ली सिंह चीमा (उत्तराखण्ड) को दिया जाना…

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सही राह हरदम बताएं

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* मशक्कत से रोज़ी कमाना सिखायें।सही राह बच्चों को हरदम बतायें। चलो आज फिर से नया घर बनायें।नये जोश से अपना आँगन सजायें। तनिक मत…

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कीर्तिमान बनने पर जितेंद्र झा ‘आजाद’ सम्मानित

सीतामढ़ी (बिहार)। बुलंदी साहित्यिक सेवा समिति द्वारा 'विश्व आभासी कवि सम्मेलन' लगातार ४०० घंटे काव्य पाठ अनुष्ठान के रूप में आयोजित किया गया। सीतामढ़ी वासी कवि जितेंद्र झा 'आजाद' को…

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‘विद्यानिवास मिश्र समृति सम्मान’ से डॉ. पाण्डेय शशिभूषण ‘शीतांशु’ अलंकृत

अमृतसर (पंजाब)। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. पाण्डेय शशिभूषण 'शीतांशु' को 'विद्यानिवास मिश्र समृति सम्मान' से अलंकृत किया गया है। हिन्दी लेखक संघ पंजाब…

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मधुमास आयो री…

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* मन-मयूर नाच रहयोसखी! मधुमास आयो रीले ले बलैंया,ऋतुराज मेरे द्वार आयो री। अंबुआ की डारी-डारी,कूके कोयलिया कारीफुदक-फुदक गोरैया,नाच रही मतवारी।धरती झूम रही, फागुनी बयार लायो री,ले ले…

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क्षणांशों की धारदार कथात्मक अभिव्यक्ति है लघुकथा-श्री द्विवेदी

सम्मेलन... पटना (बिहार)। क्षणांशों की धारदार कथात्मक अभिव्यक्ति का नाम है लघुकथा। मौजूदा दौर में लघुकथा साहित्य की सर्वाधिक लोकप्रिय व महत्वपूर्ण विधा है, मगर इसकी सार्थकता तभी है जब…

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कुदरत से ना खेल

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** प्रकृति और खिलवाड़... आपस में इंसान का, रहे ना सबसे मेल,सजग हो जा रे मनवा, कुदरत से मत खेलकुदरत का जब कहर गिरे तो, बढ़ता खूब झमेल,जल…

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बहती नदी-सा जीवन था विशुद्धानंद का

लोकार्पण-गोष्ठी... पटना (बिहार)। अद्भुत प्रतिभा के रंगकर्मी डॉ. चतुर्भुज एक महान नाटककार ही नहीं, काव्य-कल्पनाओं से समृद्ध एक महान दार्शनिक चिंतक भी थे। स्मृतियों की धूल में हमने एक नायाब…

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