साहित्यिक संस्थाओं को शोध केंद्र की तरह काम करना चाहिए

सम्मेलन.. भोपाल (मप्र)। साहित्यिक संस्थाओं को भाषा के क्षेत्र में शोध केंद्र की तरह काम करना चाहिए। यह बात मप्र उर्दू अकादमी की निदेशक और मुख्य अतिथि डॉ. नुसरत मेहदी…

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आधुनिकता से बंटाधार

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आधुनिकता बंटाधार किया, खान-पान की सुचिता को,देखा-देखी पर रुचि खाते, परे रखे निज रुचिता कोठूंसे इतना पेट में माल, पचन तंत्र हुआ विद्रोही,इस कारण रोगी बन भटके,…

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लाड़ली बेटी याद रखना

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* अम्मा की शिक्षा सासरे ले जाना बेटी तुम साथ में,अब पिता तुम्हारे दे दिए हैं, तुमको पति के हाथ में। बचपन से तुमको मिली है शिक्षा,…

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पालनहार हूँ सदा तुम्हारी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* प्रकृति और खिलवाड़... ओ मानव जरा देखो चक्षु से,तड़पती हूँ वर्षों से मैं प्रकृतिसमझो मुझे अपने हृदय से,हूँ सदा समर्पित तुम्हारे लिए। मिटाती तुम्हारी प्यास…

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भारत की अघोषित राजभाषा, राज्यभाषा व राष्ट्रभाषा है ‘अंग्रेजी’

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************* गणतंत्र दिवस विशेष-१ भारत में जब भी भाषा की बात होती है तो सबसे पहले राष्ट्रभाषा और राजभाषा पर बहस प्रारंभ हो जाती है। सभी भारतवासी…

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‘पंखुरियां’ लोकार्पित

इंदौर (मप्र)। अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद की सचिव व इन्दौर लेखिका संघ की सदस्या श्रुति चौधरी के प्रथम काव्य संकलन 'पंखुरियां' का श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में लोकार्पण हुआ। इस…

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मीनाक्षी कुमावत को समाज ने किया सम्मानित

अहमदाबाद (गुजरात)। कुमावत समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में लेखक-शिक्षक मीनाक्षी कुमावत 'मीरा' को समाज का नाम रोशन करने के लिए पदक और शॉल से सम्मानित किया गया। उन्हें समाज…

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इस बात को ना भूलो भाई

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** आज तुम बहुतनामी-गिरामी हो,हर महफिल में चर्चेहोते हैं तुम्हारे,तुम्हारी कामयाबी के किस्सेतुम सुनाते हो,जो बैठे होते हैं सामने। एक बात हर बारभूल जाते हो तुम,तुम्हारी कामयाबी मेंशामिल हैं…

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भविष्य की तो मानो चिंता ही नहीं

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** प्रकृति से खिलवाड़... आज इस इक्कीसवीं सदी तक पहुँचते-पहुँचते हम शिक्षित तो खूब हुए, पर हमने प्रकृति का ध्वंस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कभी-कभी तो…

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सुभाष:भारत माँ का लाड़ला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)*********************************************** सदा अथक संघर्ष ने, माँ भारत के त्राण।आत्मबल विश्वास दे,कर सुभाष निर्माण॥ भारत माँ का लाड़ला, महावीर सम पार्थ।मेधावी था अति प्रखर, दानवीर परमार्थ॥ मेरूदंड…

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