‘साहस-उत्साह-हिम्मत’ पर प्रथम विजेता बने तारा चन्द वर्मा ‘डाबला’

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ को दूसरा एवं एच.एस.चाहिल को मिला तीसरा स्थान इंदौर (मप्र)। हिंदी के प्रचार की दिशा में हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा ५९ वीं स्पर्धा ‘साहस-उत्साह-हिम्मत’ विषय पर आयोजित की गई। इसमें पद्य वर्ग में तारा चन्द वर्मा ‘डाबला’ ने प्रथम स्थान पाया है।मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय … Read more

प्यारी बहना

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जिन्दगी के हर एक कठिन मोड़ पर,मिलता रहा है जिसका मुझे सहाराआज खुशी से दिल भर आया जब,कागज़ की कश्ती का देखा नजारा। गुज़रे हुए पलों का स्पर्श पाकर,मेरे दिल का चमकने लगा सिताराबचपन की यादों ने एक बार फिर से,हृदय परिवर्तन कर दिया हमारा। वो कोई और नहीं बहन थी हमारी,जिसने … Read more

बदलें रंग

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* बदलते रूप हैं हर पल यहाँ दिलकश नज़ारों के।हमेशा एक से रहते नहीं हैं दिन बहारों के। कभी जाड़ा कभी गर्मी कभी बरसात का मौसम,उसी के साथ बदलें रंग दुनिया के बज़ारों के। जतन हरदम किये हमने जहाँ जो हो सके मुमकिन,कभी बैठे नहीं हरगिज़ सहारों पर सहारों के। … Read more

पुस्तकों का आवरण लोकार्पण १० जनवरी को

hindi-bhashaa

दिल्ली। ‘अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ के उपलक्ष्य में १० जनवरी को सायं ४ बजे से ५ प्रवासी साहित्यकारों की नई पुस्तकों का आवरण लोकार्पण समारोह वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा रखा गया है। ग्रुप के प्रबन्ध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने बताया कि, नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (एनेक्सी लेक्चर रूम-२, मैक्स म्युलर मार्ग, लोधी एस्टेट) में … Read more

छात्राओं को पुस्तक भेंट

hindi-bhashaa

इंदौर (मप्र)। शासकीय मालवा कन्या शाला की बालिकाओं को डॉ. सुधा चौहान ने स्वयं लिखित ५१ पुस्तकें (शिक्षा एवं सुरक्षा) भेंट की। इस मौके पर लायंस क्लब की अर्चना श्रीवास्तव ने कपड़े भेंट किए। बता दें कि लेखिका डॉ. चौहान अब तक ७ हजार पुस्तक वितरित कर चुकी हैं, एवं ४ हजार का और लक्ष्य … Read more

महाकवि गोपाल दास नीरज

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)********************************************************************** एक अप्रतिम प्रेम प्रेमी कह लो,सुरभित सरोज चमन पुष्पित कह लोउद्गार हृदय मकरन्द खिले सरस,गोपाल दास गीत नीरज कह लो। कालजयी प्रीत रस भाव कह लो,आह्लादित तन-मन बावला कह लोश्रंगार रसामृत विरहाग्नि तपित,प्रेमरोग ग्रसित हिय नीरज कह लो। सम शान्त सहज प्रकृति नीरज कह लो,माधुर्य ललित कविता कलित कह लोनित … Read more

अनाम रिश्ता

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* जिंदगी की राह में,कई मोड आते हैं…कभी किसी मोड पर,किसी अजनबी सेरिश्ते बन जाते हैं,वही अजनबीकरीबी हो जाते हैं,जिंदगी में आकरजिंदगी बन जाते हैं। कुछ ऐसे ही रिश्ते,अनाम होते हैंहँसाते हैं, रुलाते हैं,लड़ते हैं, झगड़ते हैंरूठते हैं, मनाते हैं,पास आते हैंतो खिलखिलाते हैं,दूर चले जाते हैंउदासियाँ दे जाते हैं। फिर कभी … Read more

हिंदी की बिंदी का मजाक

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** हिंदी की बिंदी… हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग १९२० से चल रही है, जिसकी शुरुआत महात्मा गाँधी द्वारा की गई थी, जो सौ वर्ष बाद भी झूला झूल रही है। हिंदी बोलने वालों की संख्या वास्तव में बढ़ गई है, हाँ पर हममें से कितनों के बच्चे हिंदी माध्यम से पढ़ रहे … Read more

हमें विनाश दिखा

इं. हिमांशु बडोनीपौड़ी गढ़वाल (उत्तराखण्ड)********************************* जिस दिशा में नफ़रत फैली थी, वहां हमें विनाश दिखा,सगे भाई विमुख बैठे थे, सुलह का कहीं न प्रयास दिखा। सामग्रियाँ जो असंजित हों, दरारें पड़ जाती हैं इमारत में,सत्ता के पीछे हो वंश का अंत, है सार यही महाभारत में।मोह, लोभ व ईर्ष्या भाव के धागों से बुना इक … Read more

‘वामा विमर्श के क्या हों नए प्रतिमान’ पर कराई स्वस्थ परिचर्चा

पूना (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा एवं सृजन बिंब प्रकाशन के तत्वाधान में नववर्ष २०२३ पर महिलाओं हेतु विशेष कार्यक्रम ‘वामा विमर्श के क्या हों नए प्रतिमान’ का आयोजन किया गया। परिचर्चा के इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व नगर सेविका श्रीमती प्रगति पाटिल ने की।आरम्भ कवयित्री स्वाति सुमेश पैंतिया द्वारा सरस्वती वन्दना से किया गया। श्रीमती … Read more