राधा ढूँढ रही है श्याम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* बैठे यमुना तीर कन्हैया, बजाते बंशीधर अभिराम,दौड़ी आयी चहुँ इधर-उधर प्रिय राधा ढूँढ रही है श्यामएक तरफ कालिन्दी प्रमुदित, बहे धारा मुरलीधर गान,अति राग मनहिं अनुराग हृदय, प्रिय राधा ढूँढ रही है श्याम…। कहाँ लला तुम छोड़ राधिका मैं भटकी गोकुल ग्राम,तन-मन खोयी हियतल बोयी माधव मन मुकुन्द अविरामहो … Read more

जन्मदिन पर कराया कवि सम्मेलन

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मुम्बई (महाराष्ट्र)। अखिल भारतीय काव्य मंच मुम्बई के सौजन्य से कवयित्री-लेखिका डॉ. मंजू मंगल प्रभात लोढ़ा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आभासी कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। अध्यक्षता मुम्बई के वरिष्ठ कवि और शिक्षक – प्रो. अंजनी द्विवेदी ‘अनमोल’ ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मंजू लोढ़ा स्वयं उपस्थित रहीं।सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि … Read more

‘घूम मुसाफ़िर घूम’ संकलन प्रकाशित

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वैशाली (बिहार)। साहित्य जगत में नई कड़ी जोड़ते हुए लेखक अविनाश कुमार साह ने बहुचर्चित संकलन ‘घूम मुसाफ़िर घूम’ प्रकाशित किया है। संपादक अविनाश कुमार के अनुसार यह भारत की प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों पर केंद्रित है, जिसमें विभिन्न प्रांतों से जुड़े प्रतिभाशाली सह-लेखकों ने अपनी रचनाओं से योगदान दिया है। यह पुस्तक युवाओं … Read more

‘तन्हा’ के सम्मान में हुई सरस सरस काव्य संध्या

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दिल्ली। काव्य शोध संस्थान भारत द्वारा नत्थूराम राम कान्वेंट स्कूल परिसर में फिल्मी गीतकार- संगीतकार डॉ. प्रमोद कुमार कुश ‘तन्हा’ (मुम्बई) के सम्मान में सरस काव्य संध्या का आयोजन बड़े हर्षोल्लास और उत्साह के साथ किया गया। शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ।संस्था के अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि डॉ. जयसिंह आर्य ने अतिथियों … Read more

आत्मनिर्भरता

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** “अरे दीदी! धन्य भाग्य जो आप इधर आईं। देखो, आज आपके सिखाए हुए हुनर से हम रोजाना काफी पैसे कमा लेती हैं। मैं सूट की सिलाई करती हूँ और ये जो अनिता है ना, यह सूट के बचे हुए कपड़ों से डिज़ाइनर फ्राॅक बना देती है। आपके समझाने पर मेरे एक भाई … Read more

शोभित नारी श्रृंगार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी शोभित नित्य ही, आकर्षण भरपूर।दमके बनकर रोशनी, माँग भरा ‘सिंदूर॥’ ‘काजल’ शोभा नैन की, गहरा देता प्यार।प्रियतम को भाता बहुत, रचता है अभिसार॥ ‘कर्णफूल’ अति सोहते, करते मंगलगान।इनमें बसता प्यार का, हरदम नवल विधान॥ पहने ‘मंगलसूत्र’ जब, नारी लगती ख़ूब।सुख आते हैं पास में, उगे नेह की दूब॥ सजी कलाई … Read more

मन महके, रोशन हो जीवन पथ

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* दीप जलें, मन महके… मन में दीप जले प्रेम का,स्नेह की खुशबू बिखेरें रिश्तेइस दिवाली हर इक घर में,दीप जलें, मन महके। मन निर्मल हो जाए सबका,रंगोली-सी मुस्कान सजेखुशियों से रोशन हो जीवन पथ,दीप जलें, मन महके…। प्रीति दया करुणा के दीपक,जग को शांति की राह दिखाएंदीप आशा का जब जगमगाए,दीप जलें, … Read more

अमरता

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… बड़ी-बड़ी हवेलियों में,छोटी-छोटी झोपड़ियों मेंजब दीप जले तो,मन महकेखुशियों के पटाख़े चहके। रोशनी से नहाया हो जग,अमीर-गरीब का फर्कभला दीप क्या समझे ?पतंगा भी जलते दीप केचरण छूता,चाहे बलिदान रोशनी मेंकर देता अपने न्यौछावर। लक्ष्मी, कुबेर-गणेश के संग,भ्रमण पर निकलीदेखा सनातनी का नजारा,कलयुग में भी … Read more

नव ज्योति कलश

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** ब्रह्माड तिमिर हरने,नव ज्योति कलश छलकेजैसे बनी सुहागन,सिंदूर माथ दमके। है गूँज कलरवों की,चमके है ओस मणिकासुरभित समीर विकसित,महकी प्रत्येक कणिका। कलियों का रूप निखरा,भँवरों की टोली आयीऋतु है बड़ी सुहानी,दिल में उमंग छायी। नई आस मन बढ़ाती,उत्साह पालनहारी।सब हों सुखी हे प्रभुवर,यही कामना हमारी॥

दीपावली विशेष गोष्ठी में जगमगाए शब्दों के दीप

सोनीपत (हरियाणा)। सदसाहित्य हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था परिवार द्वारा २१९वीं दीपावली पर्व विशेष साप्ताहिक काव्य गोष्ठी आभासी रूप से आयोजित की गई। इसमें सृजनकारों ने शब्दों को दीप और भावनाओं को ज्योति बनाकर संध्या को खूब शोभायमान किया।   संस्था की संवाद प्रभारी श्रीमती ज्योति राघव सिंह ने बताया कि काव्य संध्या में पंच … Read more