आतंक मिटाता ज़िन्दगी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आतंक मिटाता ज़िन्दगी, करता सदा विनाश,यह समझें हैवान यदि, तो बदलेगा मौसमख़ून-खराबा कब तक होगा, बतलाओ तुम मुझको,पहलगाम जैसी जगहों पर होगा कब तक मातम। जिसने…

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जीवन एक पहेली

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** जीवन तो है एक पहेलीसमझ न इसको पाऊँ,जितना भी मैं कोशिश करतीऔर उलझती जाऊँ। चित्त नहीं परिपक्व विविधविधि घेर लिया करुणा ने,सभी इंद्रियाँ विभ्रमित करतींउलझा मन तृष्णा…

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छाया आतंक का साया

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* आतंक,विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... पावन, सुंदर धरती अपनीछाया आतंकी साया हैनिर्दोषों का लहू बहा कर,कौन-सा धर्म निभाया है ? माँओं की कोख करी सूनी,सिंदूर किसी…

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मजदूरी भी मजबूरी

उर्मिला कुमारी 'साईप्रीत'कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** श्रम आराधना विशेष... जीवन था सपनों-सा सुंदर,माटी में खेल रचा था अंदरकिसने देखी सुबह कहाँ पर,किसने देखा था आसमान पर। भाग्य कहाँ से कहाँ ले…

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मिट्टी को सोना बनाता हूँ…

डॉ. राम दयाल बैरवाअजमेर (राजस्थान)******************************************* श्रम आराधना विशेष... मैं मिट्टी में पसीना बहाता हूँ,मिट्टी को सोना बनाता हूँ। अभाव दर्द थकान सब सह जाता,साधारण जीवन में शकुन पाता। माथे पर…

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श्रमेव जयते

गोवर्धन थपलियालनई दिल्ली******************************************** श्रम आराधना विशेष... सूरज आक्रोशित हो आग बरसाता जाता है,घाम की तीव्रता चढ़ रही जन-जन प्यासा है। इस भीषण गर्मी में मानव जूझता रहता है,सुबह-सबेरे से दिन…

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मज़दूर की माटी

डॉ. पंकज कुमार बर्मनकटनी (मध्यप्रदेश )************************************** श्रम आराधना विशेष.... मुट्ठी में धूप समेटे चलता है वो हर रोज़,माथे पे पसीने का ताज लिए रखता है संजोग। मकान तेरा हो या…

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बताओ कौन है श्रेष्ठ…?

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* देखो वह रामलाल का लाल,लाल बाबू है बड़ा ही कमालबचपन से ही पढ़ने में तेज,पढ़ाई बिना लगाता नहीं सेज। पढ़ता वह मन लगाकर दिन-रात,गुरूजन भी…

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गौराई पूजा, झूले, अमराइयाँ और आनंद

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* आखातीज की राम-राम मित्रों, 'अक्षय तृतीया' साल के साढ़े ३ मुहूर्त में से एक मंगलतम और शुभदिन। किसी भी काम की शुरूआत इस दिन करना मंगलकारी…

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आतंक की घाटी में लहूलुहान उम्मीदें

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... वो सिर्फ पहाड़ नहीं थे, उम्मीदें थीं जो चूर-चूर हुईं। वो सड़कें सिर्फ रास्ते नहीं थीं, बल्कि उन…

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