मन का दीप

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** नव दीप ज्योति चमके,धन-धान्य से भरा होसुंदर सुहावना-सासंसार हो सभी का। ख़ुशियों भरी सुबह हो,झिलमिल चमकती रातेंदुख-दर्द का दमन हो,फैले नया उजियारा। दुनिया की आपा-धापी में,कुछ दिल्लगी के पल होंमौलिक हो सबकी रचना,मिटे मन का अँधियारा। बहे प्रेम-धार बन कर,आपस का भाई-चारा।शुभ-कामना यही है,जले मन का दीप प्यारा॥

सद्भावना के दीप जलाएँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नफ़रत नहीं प्रेम करो, अन्धकार नफ़रती अमावस आएँ मिल हम दूर भगायें,शान्ति प्रेम और सद्भावना, समरसता के दीप जलायेंसोचें कितना लघुतर दुर्लभ मानव जीवन पाया हमने,छल-प्रपंच मन राग-द्वेष तम, प्रेम दीप हम चलो जलायें। बहता शोणित लाल रंग सम, जाति धर्म हो कोई चाहे,मानवीय मूल्यों घृत लिपटे, नैतिकता हम … Read more

श्री हरि भाग्य विधाता

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** है अति पावन गोचर कार्तिक, पूजन श्री हरि भाग्य विधाताहै मनभावन श्री हरि कार्तिक, जागृत हो अरु दीर्घ विधाता,व्योम निर्मल, उत्सव उल्लास, माधव साजन मास लुभाएमानुष, ध्यान लगा करुणा सिन्धु, पावन हो मनवा हरि भाए। धूम मची पर्व मंगल छा सब, श्री कमला मधुसूदन आएहो अभिनंदन राम सिया जग, दीप … Read more

गहरा सागर

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** जो प्रकट नहीं करता,वह ही प्रकट है। जो मुस्कुराता जाता हैउसके दुखों को,कोई नहीं जानता। उसकी भी उम्मीदों कोनील समंदर चाहिए,उसकी भी आकांक्षाओं कागहरा सागर है । वह दुखों को भीरखता है सफ़र में,जहां कभी खुशियों से भरासमंदर भी था। वहाँ आज दीमक खाएपेड़ लटके हैं,बहते काठ के टुकड़े हैंनदी के समानांतर … Read more

अँधेरे में दीप जलें

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)…. अन्धेरे में दीप जलें,रोशनी का अम्बरजगमगाता रहे हर दिन,हो हमारी शुभ दीपावली। जुगनुओं के टिमटिमाते इस आसमां में,तारों की रोशनी का अपना संसार होदीप पर्व पर सारा जग प्रकाशमय हो जाए,हो हमारी शुभ दीपावली। मन में हो विश्वास,महकें घर-आँगन खुशियों सेदीप से दीप जलें … Read more

बंधन जोड़े चलो

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उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… दीप से दीप जलाते चलो, सबका मन महकाते चलो,स्नेह से बंधन जोड़े चलो, सबको अपना बनाते चलो…। दीपक की चमकती सुनहरी लौ की तरह जलते चलो,अपने ज्ञान से जगत को रोशन सदैव करते तुम चलो…। संसार में है बगिया बहुत फूलों की, महक फैलाते … Read more

हिंदी के कलमकारों-पत्रकारों को दिया प्रेरणा सम्मान

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जबलपुर (मप्र)। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अभियान के तहत निरंतर कार्य कर रही है। इस यज्ञ को सारे देश में प्रचारित-प्रसारित करने में अहम योगदान देने वाले कई कलमकारों व पत्रकारों को सभा ने सम्मानित किया है। सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने बताया कि जो कलमकार व … Read more

‘धन’ को समाज की समृद्धि का माध्यम बनाएं

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** धनतेरस (१८ अक्टूबर) विशेष…. ‘धनतेरस’ का पर्व पंच दिवसीय दीपोत्सव की पवित्र श्रृंखला का आरंभिक द्वार है। यह केवल सोना-चाँदी, वस्त्र या बर्तन खरीदने का शुभ दिन नहीं, बल्कि धन के प्रति हमारी सोच को पुनर्संतुलित करने का अवसर है। भारतीय संस्कृति में धन को सदैव देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया … Read more

सत्य से ही इंसां बलवान..

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सत्य साधकर गति करो, तब ही बनो महान।केवल सच से ही बने, इंसाँ नित बलवान॥ सत्य चेतना को रखे, जिसमें रहे विवेक।रीति-नीति को साध ले, रखकर इच्छा नेक॥ सत्य बड़ा गुण जान ले, इसका हो विस्तार।जीवन में खिलते सुमन, बनकर के उपहार॥ सत्य सदा ही जीतता, गाता मंगल गीत।इसको हम अब … Read more

जगमगाएं हम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… साफ-सफाई घर की करते हैं,हम दिवाली से पहले हर वर्षकर लो इस बार उसी तरह निर्मल-गहराई में जाकर अंतर्मन को। सजा कर घर के हर कोने को,रंग-बिरंगे तोरण, बंदनवार द्वार पररंगीन रोशनी की विद्युत झालर से-चमके घर का प्रांगण और आँगन। प्रकाश कुछ ऐसा फैलाओ,भारतीय … Read more