मन का दीप
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** नव दीप ज्योति चमके,धन-धान्य से भरा होसुंदर सुहावना-सासंसार हो सभी का। ख़ुशियों भरी सुबह हो,झिलमिल चमकती रातेंदुख-दर्द का दमन हो,फैले नया उजियारा। दुनिया की आपा-धापी में,कुछ दिल्लगी के पल होंमौलिक हो सबकी रचना,मिटे मन का अँधियारा। बहे प्रेम-धार बन कर,आपस का भाई-चारा।शुभ-कामना यही है,जले मन का दीप प्यारा॥