दु:ख बस मन का भाव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* भागा सुख को थामने,दिया न सुख ने साथ।कुछ भी तो पाया नहीं,रिक्त रहा बस हाथ॥रिक्त रहा बस हाथ,काल ने नित भरमाया।सुख-लिप्सा में खोय,मनुज ने कुछ…

0 Comments

राखी में बसा पूरा मज़हब

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष........... राखी ने फिर से दिया,इक नेहिल पैग़ाम।बहना का ख़त बांचता,सावन यह अभिराम॥ धागा दिन पर दिन हुआ,और-और मजबूत।भाई का तो कर हुआ,संरक्षा…

0 Comments