लिया आतंक मिटाने व हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का संकल्प

आगरा (उप्र)। पहलगाम की आतंकी घटना को लेकर पत्रिका 'संस्थान संगम' और प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी महासभा (जबलपुर) के संयोजन में चेतना सभागार (आगरा) में 'हिंदी कवियों की हुंकार' कार्यक्रम हुआ।…

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जब जागो, तभी सबेरा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जब जागो तुम तभी सबेरा, केवल तुम खुद को पहचानोजगी आस्था खुद पौरुष रण, है वक्त साथ तुम पहचानोहो सत्य साथ आलस्य दूर, अभ्यास…

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नारी:आन-बान-शान

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* तुम परिभाषित नहीं कर सकते नारी को,किन्हीं अल्फ़ाजों से या किन्हीं प्रतीकों से। वह कल्पना से परे, उसके बिन सब अधूरे,नहीं पाता पूर्णत्व कोई, चाहे पास…

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परिषद का स्वर्ण जयंती कार्यक्रम १ मई को, होगा सम्मान

कोलकाता (पश्चिम बंगाल)। भारतीय भाषा परिषद ने कलकत्ता में गौरवशाली साहित्यिक सफर के ५० साल पूरे कर लिए हैं। परिषद पिछले ३१ साल से हिंदी के सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक मासिक में…

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जग में सबके प्रभु जी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मानव सजा लें,खुद में भलाईसजाते प्रभु जी,हर ज़िंदगी कोसजें कर्मों से,जीवन सभी केजीवन की खुशी,कर्म से सजती। सभी के जीवन,धरा में पलतेहों संघर्ष तो,मिटते दु:ख…

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है मुहूर्त अति शोभनम्

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* 'अक्षय तृतीया विशेष' (३० अप्रैल)... अक्षय तृतीया जान लो, दिवस सुपावन एक।है मुहूर्त अति शोभनम्, हर पल होता नेक॥ विष्णु-लक्ष्मी का प्रणय, देता मंगल भाव।यश-वैभव,धन-धान्य…

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मुकम्मल ठिकाना तो दे

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** घर ना दे तो ना दे शामियाना तो देज़िंदगी को मुकम्मल ठिकाना तो दे। मैं उफनती हुई हूँ नदी आजकल,तू हवादिस से पहले मुहाना तो…

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तपती धरती है दिवा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तपिश धूप वैशाख की, कहर ढाहता लोक।सूख रही धरती सरित, गर्मी बनती शोक॥ वन गिरि नद कर्तन धरा, निरत प्रकृति संहार।देख ग्रीष्म शुरुआत में,…

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‘विश्व पृथ्वी दिवस’ पर कराई काव्य गोष्ठी

रोहतक (हरियाणा)। 'विश्व पृथ्वी दिवस' के अवसर पर प्रज्ञा साहित्यिक मंच (रोहतक) के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं बाबा मस्तनाथ विवि के…

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एक पल में पतझड़ आ गया…

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... हनीमून का ऐसा दिवास्वप्न, दिखाया था तुमने…तुम संग यहाँ आकर, उल्लासित थी कश्मीर घूमने। स्वर्ग-सी धरा पर फैली, हरी-भरी…

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