यूँ सजा के चराग़
सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** उमीद के रखें हम दिल में यूँ सजा के चराग़।हवा में जैसे रखे जाते हैं जला के चराग़। सभी के हक़ में दुआ आइए यही मांगें,वबा ये अब न बुझाए किसी बक़ा के चराग़। इसी के रहम-ओ-करम पर है ज़िंदगी इनकी,जलें-बुझें कहाँ मर्ज़ी बिना हवा के चराग़। हो अज़्म … Read more