पितृ नमः

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* श्राद्ध, श्रद्धा और प्रेम (पितृ पक्ष विशेष)… आशीषें देने धरती पर, पितर पहुँच ही जाते।श्राद्ध पक्ष में पिंडदान से, पितर तृप्त हो जाते॥ पितर देव रूपों में होते, सदा भला ही करते,आशीषों से सदा हमारा, पल में घर वो भरते।साथ सदा ही देखो अपने, शुभ-मंगल ले आते,श्राद्ध पक्ष में पिंडदान से, … Read more

जीवन बनता है अनमोल

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)… पितरों का आशीष हमेशा, देता है सुख अपरम्पार।खुशियाँ ही खुशियाँ मिल जाती, मिलता है जीवन का सार॥ उनकी ही कृपा से मिला, यह जीवन बनता है अनमोल,जीवित रहते उनसे बोलो, दो मीठे प्यारे से बोल।उनकी छाया से होता है, इस पूरे जग का … Read more

मन है पंछी

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* मन तो है एक ऐसा पंछी,पंख बिना उड़ता रहता है।लाख कहें मन को हम पागल,पर मानव मन की सुनता है॥ मन में हों जब अटल इरादे,फिर बाधाएं कितनी आयें,टस से मस नहीं होता मनवा,बादल-बिजली खूब डरायें।मन-सा साथी साथ चले जब,मंजिल के सपने बुनता है॥पर मानव मन… मन है चेतनता का दरपन,मन से … Read more

बिरज में कृष्ण आए

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* ढम-ढम ढोल बजते हैं, बिरज में कृष्ण आये हैं।घटाएँ घिर रही काली, देवकी ने श्याम जाये हैं॥ चमकती बिजलियाँ नभ में, भादव की रात है काली,समय यह रोहिणी का है, बाग में झूमती डाली।घड़ी शुभ अष्टमी की है, नभ में मेघ छाये हैं,ढम-ढम…॥ चले वसुदेव मथुरा से, कृष्ण को शीश … Read more

मन शिव पुकारे

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** सावन बरस रहा मेरे द्वारे।लगन लगी मन शिव को पुकारे॥ कड़क रही है ‌बिजुरी ऐसे,तड़प रही ‌मैं बिरहन जैसे।काल की गणना साँस-साँस में,अब तो पधारो द्वार हमारे।लगन लगी मन…॥ जब से खेल माया पहचाना,मन से कोई‌ न अपना माना।चित्त-प्राण शिव कह के व्याकुल,छिन-दिन पल-पल सांझ-सकारे।लगन लगी मन…॥ सावन बरसे … Read more

ॐ की महिमा

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* ‘अ उ म’ से मिलकर बनता, ओम शब्द ये सबका प्यारा है।हम सब इसको मिलकर जपते, ‘ॐ’ शब्द ये न्यारा है॥ परम सत्य का है प्रतीक, सृष्टि का पालन संहार करें।गलत कार्य यदि करते हैं हम, पापों का यह भार हरे।।शक्ति है अपार ओम में, यह आकाशी तारा है,अ उ … Read more

फिर सावन आ गया

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** शिव जी को जल चढ़ाने फिर से सावन आ गया है।मेरे मन को मेघ बन के फिर बरसना भा गया है॥ शिव को सावन मास भाये और भायें वर्षा बूँदें,भक्त लीन हैं भक्ति में अब अपनी पलकें मूंदें।हर कोई अभिषेक करने मंदिर में आ गया है,शिव जी को जल … Read more

सावन का मौसम है…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* सावन का मौसम है, बिना घटा घनघोर।बदरा हैं बारिश बिन, सूखे धरती चहुं ओर।कोयलिया नहीं कुहुके, नाचे ना वन में मोर।नदियाँ बहतीं जल बिन, झीलें करतीं न विभोर। अब नहीं होते मन के मंथन, भाई बहन बिन रक्षाबंधन।भव्य दिखें पंडाल बहुत पर, भाव बिना हों शिव के पूजन।आरती होती लेकिन, … Read more

सतगुरु गुण मुख कह्यो न जाए

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** सतगुरु गुण मुख कह्यो‌ न जाए।गुरु निष्ठा जिसने मन धारी,वो‌ ही परमेश्वर को पाए॥ गुरु ने जो प्रभु नाम दिया है,भव-तारण आधार दिया है।नेत्र चढ़ा धन-वैभव चश्मा,ना कोई गुरु के दोष लखाए।सतगुरु गुण मुख…॥ प्रभु स्वयं सतगुरु बन आए,नाम का कोर तुझे पकड़ाए।प्रभु सुमिरन के लाख बहाने,गुरु की वाणी … Read more

अति वर्षा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हो रही आज बहुत ही वर्षा, दया न खाते बेदर्द बादल।नदियाँ-नाले उफन रहे हैं, बस्ती का मन अति घायल॥ गर्मी बीती आई वर्षा, आतंकी परिवेश है।नीर-नीर ही चहूँओर है, बढ़ता जाता क्लेश है॥आसमान से दर्द बरसता, मेघों ने मातम ढाया।गलियों-सड़कों पर पानी है, मानव तो अब घबराया॥वरुणदेव लगते हैं क्रोधित, लगा … Read more