कब आओगे साजन

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** घर,आँगन,गलियाँ,चौराहे,सूने-सूने लगते हैं।वापस कब आओगे साजन,राह तुम्हारी तकते हैं॥ चिड़ियाँ फुदकें आँगन में आ,पहले जैसी बात नहीं।खिलें फूल खुशबू भी देते,उसमें वैसी रास नहीं।पवन झकोरे मद्धिम-मद्धिम,बेमन-बेमन बहते…

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देवाधिदेव महादेव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ****************************************** औघड़दानी,हे त्रिपुरारी,तुम प्रामाणिक स्वमेव।पशुपति हो तुम,करुणा मूरत,हे देवों के देव॥ तुम फलदायी,सबके स्वामी,तुम हो दयानिधानजीवन महके हर पल मेरा,दो ऐसा वरदान। आदिपुरुष तुम,पूरणकर्ता,शिव,शंकर महादेव,नंदीश्वर तुम,एकलिंग…

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मैं भारत हूँ

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** आघात बहुत सहता आया अब और नहीं बस और नहीं।मैं भारत हूँ अब कहता हूँ दुश्मन को कोई ठोर नहीं॥ उत्तर में पर्वतराज हिमालय करता मेरी…

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गुरु है श्रेष्ठ प्रणेता

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* सत्य मार्ग के श्रेष्ठ प्रणेता,गुरु सबका अभिमान है।सुंदर जीवन जो शुभ गढ़ थे,विश्व धरा की शान है॥ विद्यार्थी जीवन पर धरते,नव मंगल की कामना,मनुज धर्म व्यवहार…

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गुरु की सेवा से बनते सब काम

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* गुरु पूर्णिमा विशेष ज्ञानी गुरु यदि मिल जाये तो,बतलाते हैं जीवन सार।डगमग होती जीवन नैया,को ले जाते हैं उस पार।नाम प्रभु का बाद में लेते,पहले गुरु का…

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जीवन-किश्ती तू ही मेरी…

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** मेरा साथ निभाना साथी,मैं संकट से उबर जाऊँगा।टूटा साथ अगर ये तेरा,मैं शीशे-सा बिखर जाऊँगा॥ तेरे दम पर साँसें चलतीं,तेरे दम पर पग बढ़ते हैं।तेरे दम पर…

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आज का इंसान

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कलुषित करता मानवता को,बन रहा हैवान।मध्य पाप के घिरता जाता,आज का इंसान॥ लोभ मोह का लालच रखकर,भूलता सब कर्म,बना रहा वर्चस्व झूठ पर,त्यागता सब धर्म।भाई का…

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प्रेम दीवानी मीरा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** गीतों में मीरा का गायन,वंदन-अभिनंदन है।मीरा थी बस श्याम-दिवानी,जिसका अभिवंदन है॥ धारण कर बैरागी चोला,मंदिर किया बसेराबनकर के बैरागिन जिसने,पाया धवल सबेरा। लगा हुआ जिसके…

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जब से बदरा जल बरसाये

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** चैतन्य तरुण हो गयी धरा,जब से मेघा जल बरसाये।कोयल ने राग विरह छोड़ा,मल्हार राग फिर दुहराये॥ धरती मल मैल क्षरण करके,देखो नव यौवन पाया है,नदियों ने…

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सरस्वती वंदना

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** हे मात शारदा तू मुझ पर,इतनी-सी अनुकंपा कर दे।वाणी से जग को जीत सकूँ,मेरे गीतों में लय भर दे॥ शब्दों छंदों का भिक्षुक हूँ,मैं मांग रहा…

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