ज्योति-पर्व दीपावली
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… माटी दीपक दिव्य आज तो, उसको आज जलाना है।अगणित दीप जलाकर भू का, सारा तिमिर मिटाना है॥ माटी की छोटी काया ने, गीत सुपावन गाया है,उसका लड़ना तूफानों से, सबके मन को भाया है।उजियारा तो प्रमुदित दिखता, मौसम बहुत सुहाया है,दीपों ने मंगल गाया है, … Read more