मन का दर्पण मिला नहीं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ तन तो देखा रोज मुकुर में,मन का दर्पण मिला नहीं।देखा पीछे बिम्ब प्रकृति का,लिये खड़ा उपहार सभीआये स्वयं कक्ष में मेरे,अचला के श्रृंगार सभी।नित्य सजाया तन पुष्पों से,मन…

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जीवन-सुमन खिला देना

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** चिर-बिछोह से पीड़ित परिजन,उनका साथ निभा लेना।अपनेपन के शब्द बोलकर,अपनापन दिखला देना॥ दुखी बहुत हैं,गुमसुम भी हैं,उनका मौन भयावह है।उनके हिस्से में आया दु:ख,बेबसी का कलरव है।चुप्पी…

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जाना होगा

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* बेशक ढेर लगाया धन का,यहीं छोड़कर जाना होगा।कर्मों के ताने बाने को , यहीं तोड़कर जाना होगा॥ लोभ मोह आपाधापी में,छूट गए सब काम जरूरी,साधन के…

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दिया नहीं…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** देश से लिया बहुत,देश को दिया नहीं।देश राग का अमिय,नेह से पिया नहीं॥देश से लिया बहुत…. भू से अन्न था लिया,श्वाँस ली समीर से।जिंदगी बची रही,शुभ्र मधुर…

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खिली-खिली तबीयत है

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** दिनकर ने शोले बरसाए पर अब तो राहत है।बहुत दिनों के बाद सभी की खिली-खिली तबियत है॥ ताल-तलैयां रीत गए थे,नदियां भी थीं सूखीबुझा-बुझा मन…

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पारिवारिक प्रेम-प्यार

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** ‘पिता का प्रेम, पसीना और हम’ स्पर्धा विशेष….. पिता का प्रेम-पसीना और हम भाई,बहन,माता।दिलों में प्यार सजा रखते तो परिवार भी निखर जाता॥पिता का…

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आप पत्थर नहीं,हरी दूब हो

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** आप पत्थर नहींहरी दूब हो,आपको इतनातो महसूस हो। मन सजाओ जराहरे दरख्त-सा,नयन से नयन मेंन‌ई धूम हो। आप नश्तर नहींओंस की बूंद हो,आपको भी ये सावनमहसूस…

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पिता का प्रेम

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************ ‘पिता का प्रेम, पसीना और हम’ स्पर्धा विशेष….. जिसका जीवन संघर्षों की,प्रखर एक गाथा है।सचमुच में उस पिता के आगे,झुक जाता माथा है॥ संतानों के…

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यही हैं देवता

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* धरा गंदी नहीं होती गगन गंदा नहीं होता।शहीदों की चिताओं से वतन गंदा नहीं होता॥ नहीं हिन्दू नहीं मुस्लिम सिपाही तो सिपाही है,मिटा जो कौम की…

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प्रेम की भावना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. प्रेम की भावना दिल की जागीर है।प्रेम दिल से मिटाता सभी पीर है। जिन्दगी में रहे प्रेम दिल का…

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