मंजिल ने तुम्हें पुकारा

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* आगे कदम बढ़ाते जाओ, मंजिल ने तुम्हें पुकारा।सीमाओं पर पहरा देता, सैनिक है सबसे न्यारा॥ ऊँचे शिखर की स्वर लहरी, अब गीत खुशी के गाये,करते…

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चलो मनाएं आदिवासी दिवस

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** चलो मनाएँ आज, आदिवासी शुभ दिन को।मूल निवासी शान, नमन हर मानव जन को॥वेद पुरातन ग्रंथ, आत्विका इनको कहते।कला धरें भंडार, मगर गाँवों में रहते॥मूल यहाँ…

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हिन्दी देश का अरमान

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक 'हिंदी' (हिंदी दिवस विशेष)... भारत भू भाषा भली, हिन्दी हिंद हमेश।सुंदर लिपि से सज रहे, गाँव नगर परिवेश॥गाँव नगर परिवेश, निजी हो…

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आ गया मेघराज ले आषाढ़

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* मेघ, सावन और ईश्वर.... रचनाशिल्प:गुरु वर्ण के स्थान पर २ लघु अमान्य, २१ २१-२१-२१-२१-२१- २१-२१ प्रथम चरण, २१-२१-२१-२१-२१-२१- २१-२ द्वितीय चरण ग्रीष्म ताप तेज लाप भूमि थी…

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वागीश्वरी सवैया विधान

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प:७ यगण + लघु + गुरु =२३ वर्ण, १२, ११ वर्णों पर यति अनिवार्य है। १२२ १२२ १२२ १२२, १२२ १२२ १२२ १२.. लड़े डोडिया धीर भारी लड़ाके,करे…

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कनक मंजरी छंद विधान

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प:२३ वर्ण, ४ लघु (१) + ६ भगण (२११) + गुरु ११११+२११ +२११+२११, २११+२११+२११+२, ४ चरण, २-२ समतुकांत रघुवर सोच करे मन में जबलक्ष्मण के तन घाव लगा।वन-वन…

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मेघ करे गड़गड़

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* रचनाशिल्प:अभिनव छंद में बारहमासी, ८/६ की मापनी... गड़गड़-गडगड़, मेघ करे…,झरझर-झरझर नीर झरे। सावन-भादो, तड़पाए,फरफर-फरफर, पवन चले…। क्वाँर कार्तिक, भरमाए,भरभर भरभर, भूमि करे…। अगहनी पूस, शरमाए,कड़कड़ कड़कड़ शीत…

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मंगल वत्थु छंद विधान

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प: २२ मात्रा, प्रति चरण ११ वीं मात्रा पर यति हो, यति के दोनों ओर त्रिकल, चरणांत में गुरु अनिवार्य।... मीत हवा ये नीर, शुद्ध हो विमल सभी।पेड़…

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पद्मावती छंद विधान

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प:३२ मात्रा, प्रति चरण ४ चरण, २-२ समतुकांत हो, १०, १८, ३२ वीं मात्रा पर यति हो।चरणांत गुरु गुरु २२ अनिवार्य जय जय हे भारत, हर जन आरत,अमर…

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रथोद्धता छंद विधान

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प:११ वर्ण, प्रति चरण ४ चरण, २-२ समतुकांत हो।रगण नगण रगण लघु गुरु २१२ १११ २१२ १ २ वीर पीर हर भूमि नीर की।पेड़ जंतु खग ताल तीर…

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