नीर बादल बरसाते

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* बादल करते शोर, दामिनी दम-दम दमके।भीत कामिनी नार, आसमां चमचम चमके॥बरसे सावन मास, सभी जन हर-हर बोले।पाएं शिव आशीश, नाथ शिव शंकर भोले॥ गाओ मस्त…

Comments Off on नीर बादल बरसाते

छह साल की बच्ची हूँ…

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** मैं हूँ छह साल की बच्ची, बोलो क्या है दोष।बलात्कार को झेल रही हूँ, मुझ पर क्यों है रोष॥ नटखट मेरी सोच जान लें, कुटिल पाप…

Comments Off on छह साल की बच्ची हूँ…

सतत करें अभ्यास

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सतत् करें अभ्यास, काव्य बन जाए न्यारा।बनें काव्य मर्मज्ञ, काव्य रस बहती धारा॥सुधिजन देते मान, सुयश जीवन में खिलता।कवि की सृष्टि अपार,नहीं दुख इसमें मिलता॥…

Comments Off on सतत करें अभ्यास

निगाहें राह तकती

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** चले आओ पनाहों में, निगाहें राह तकती है।बताएं क्या तुम्हें दिलवर, तुम्हीं में जान बसती है॥सुनो सजना तुम्हें मैंने, तहे दिल से पुकारा है।चले आओ सजन…

Comments Off on निगाहें राह तकती

वेदमाता भवानी

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** वसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव... करूँगी सदा वंदना मैं तुम्हारी,भवानी सुनो प्रार्थना है हमारी।बना दो विवेकी हरो अंधियारा,पुत्री हूँ तुम्हारी बनो माँ सहारा।…

Comments Off on वेदमाता भवानी

सरस्वती वंदना

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** रचनाशिल्प- २१२२ २१२२ २१२... शारदे यश विद्या बुद्धि ज्ञान दे।माँ तनिक भी मत हमें अभिमान दे॥ श्री कलाधारा सुनासा वरप्रदा।शारदा ब्राह्मी सुभद्रा श्रीप्रदा।भारती त्रिगुणा…

Comments Off on सरस्वती वंदना

सुनो कन्हैया

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** रचनाशिल्प:छंद शास्त्र के अनुसार तंत्री छंद ३२ मात्राओं का सम-मात्रिक छंद है, जिसमें ८, ८, ६, १० मात्रा पर यति का विधान है तथा ८, ८…

Comments Off on सुनो कन्हैया

राम भजो, यह धर्म

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* राम भजो सब काम तजो यह धर्म है।मानव जीवन मुक्ति यही सब मर्म है॥जो करता शुभकर्म उसे सुख प्राप्त हो।जीवन के पथ पे न कभी…

Comments Off on राम भजो, यह धर्म

विकल्प छंद

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प:१८ वर्ण प्रति चरण, ४ चरण, दो-दो समतुकांत हो, ८-१० वर्ण पर यति अनिवार्य है। सगण सगण सगण सगण सगण सगण ११२ ११२ ११२ ११२ ११२ ११२ छलिया…

Comments Off on विकल्प छंद

माँ ब्रह्मचारिणी परेशानी हरो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** 'ब्रह्मचारिणी',तप ज्योतिध्यान का रूप,सत्य धूपसृष्टि। 'ब्रह्मचारिणी',संयम-साधनासृष्टि की मूरत,एकाग्रता शक्तिविश्वास। 'ब्रह्मचारिणी',नियम-ध्यानभक्ति हो तुम,निरंतर तपपहचान। 'ब्रह्मचारिणी',कठिन राहेंतुम्हारा आशीर्वाद उजियारा,तप फलसीख। 'ब्रह्मचारिणी',जीवन संघर्षमाँ परेशानी हरो,धैर्य टूटताश्रद्धा॥

Comments Off on माँ ब्रह्मचारिणी परेशानी हरो