कोई अपना सा लगे
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कोई अपना-सा लगे, कोई दिली करीब।मन उदास खुशियाँ मिले, लगता बड़ा अजीब॥ दे सुकून अपनत्व रख, मिटे शोक संताप।प्रेम लेप शीतल करे, हम दिल बने मिलाप॥ भूले गम जख्मों सितम,हो मधुरिम आलाप।हर्षित हो मन उदासी, मानो शीतल आप॥ फिर से महफ़िल खुशी की, रिश्ते बने नवीन।खिले चमन मुस्कान बन, … Read more