झुलस रहे लोग
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* झुलस रहे हैं लोग अब, सूर्य किरण अतिताप।तीक्ष्ण धूप लू दहकता, ढूँढ रहे जन आप॥ मातम गर्मी चहुँ दिशा, झुलस रहे हैं लोग।कूलर ए.सी. सब यहाँ, पंखा दे सहयोग॥ लथपथ तन-मन स्वेद जल, फैल रही दुर्गन्ध।झुलस रहे हैं लोग सब, भटक रहा कवि छन्द॥ ग्रीष्मातप आकुल धरा, आफ़त जल … Read more