कड़कती धूप
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** आज कड़कती धूप में, वृक्ष एक है मित्र।जनहित गुण परिपूर्ण है, खीचूँ उसका चित्र॥ वाहन पर मैं जा रहीं, मिलें राह पर छाँव।देह जलाती धूप है, कहीं न मिलता ठाँव॥ सड़क उगलती ताप है, हवा बहुत है गर्म।तन पर गमछा है मगर, बहुत जले है चर्म॥ प्यास लगी पथ पर मुझे, प्याऊ … Read more