नैन सदा वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* नैनों से जग देखते, नैन सदा वरदान।नैनों में संवेदना, नैनों में अभिमान॥ नैन अगर करुणा भरे, तब नैनों में नीर।नैनों में अभिव्यक्त हो, औरों के…

Comments Off on नैन सदा वरदान

नफ़रत करती सदा बर्बाद

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* दुनिया वाले देखते, शक्लो-सूरत माल।ऊपर वाला देखता, हम सबके आमाल॥ धीरे-धीरे घट रहा, भूतल का भी नीर।होना होगा अब हमें, इस पर कुछ गम्भीर॥…

Comments Off on नफ़रत करती सदा बर्बाद

मन का कर सम्मान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* मन का मौसम कह रहा, मन का कर सम्मान।तभी पलेगा दोस्तों, हर पल मंगलगान॥ मन में हो यदि दिव्यता, जीवन बने महान।मन पाएगा नित्य ही,…

Comments Off on मन का कर सम्मान

मिट्टी और मानव

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** श्रम से मिट्टी खोद कर, ढोता है वो भार।लाकर उसको रोंदता, देता है आकार॥ दीप,सुराही,घट घड़े, होते विविध प्रकार।कुम्भकार निज कर्म को, करता है साकार॥ ठोक…

Comments Off on मिट्टी और मानव

जीना दूभर आज

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* मँहगाई की मार से, मरता अब इंसान।मँहगाई-आतंक है, नहीं कोय अंजान॥ मँहगाई ने कर दिया, जीना दूभर आज।छाती पर चढ़कर करे, मँहगाई अब राज॥ कमा-कमाकर…

Comments Off on जीना दूभर आज

नदिया

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* शिव मस्तक पर बस रही, निर्मल नदिया धार।पापों को हरती सदा, पाते जीवन सार॥ नदियों के तट पर बसे, खुशियाँ पाते लोग।बहती निर्मल धार तो, करते पूजन…

Comments Off on नदिया

मन ठहरा, मन बहता

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मन ठहरे जाता कभी, बहे कभी ये जात।मनवा बड़ा विचित्र है, कभी देत आघात॥ मन की गति भी तीव्र है, किसके बस की बात।स्वामी इन्द्रिय का…

Comments Off on मन ठहरा, मन बहता

ग्रीष्म में प्यासे परिन्दे

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* गर्मी में प्यासे फिरें, बंधु परिन्दे आज।कोई रखता नीर नहिं, कैसा हुआ समाज॥ नहीं सकोरे अब रखें, छत, आँगन में सून।खग को मारे ग्रीष्म नित,…

Comments Off on ग्रीष्म में प्यासे परिन्दे

दुनिया सारी तुझको माने

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* गंगा-यमुना सी हर सरिता, प्रमुदित भावना।रोग, शोक, संताप हरे जो, पुलकित कामना॥ जल पूजित, सरिता भी पूजित, पूरण आस है।पापहारिणी, शापनाशिनी, सुख का वास है॥…

Comments Off on दुनिया सारी तुझको माने

मत तोड़ो परिवार

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस विशेष..... रिश्ते-नाते जिंदगी, खूब रखो जी प्यार।थोड़ा गम खा लो जरा, नहीं रोज तकरार॥ मत तोड़ो परिवार को, मत बदलो मन भाव।प्रेम रखो सबके…

Comments Off on मत तोड़ो परिवार