युगधारा बन्धन समझ
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** नूतन नित आशा किरण, अरुणिम नया प्रभात।चलें कर्मपथ साधना, मिले सिद्धि सौगात॥ ये बन्धन हैं मन सभी,भौतिक मायाजाल।बंधे जीवन भर मनुज, लोभ शोक बदहाल॥ मिटे निराशा का तिमिर, मिहनत यदि हो साथ।धीर साहसी आत्मबल, मिले कृपा हरि हाथ॥ फँस बंधन मद मोह में, भौतिक सुख संसार।नित्य कलह निद्रा व्यसन, … Read more