माता तीरथधाम
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* माता तो अवतार है,वह तो तीरथधाम।देती नित आशीष वह,मुझको सुबहो-शाम॥ माता है ममता,दया,करुणा का संसार।माता मिलती है हमें,बनकर इक उपहार॥ माता ईश्वर-सी लगे,माता सूरज-धूप।माता में नौ देवियाँ,माता वसुधा-रूप॥ माता से जीवन बने,मधुर,सरस,गतिशील।हर विपदा में ठोक दे,माता गहरी कील॥ माता से संगीत है,नित ही सुर,लय,ताल।माता से नित नेह पा,संतति रहे निहाल॥ … Read more