अभिमान

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* नित्य बचें अभिमान से,धैर्य धरें अति नेक।अहंकार में जो पड़े,खोता सदा विवेक॥ अभिमानी को देखकर,मुँह लेना नित मोड़।संगत में पड़ना नहीं,उससे नाता तोड़॥ धन-वैभव में पड़ सदा,करना नहीं घमंड।समय साथ नित जाग लें,मिलती खुशी प्रचंड॥ सब तन इष्ट प्रकाश सम,फिर कैसा अभिमान ?जाति-धर्म सब भेद तज,जन-जन एक सुजान॥ बनकर प्रबुद्ध चल … Read more

अपनाओ संस्कार

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** जीवन कटुता त्याग दो,है सबके संस्कार।बढ़े कदम आगे सदा,होगी कभी न हार॥ अपनाओ संस्कार को,यही एक पहचान।समता रखना साथ में,बनो नेक इंसान॥ मात-पिता के सामने,जोड़े रखना हाथ।भूल-चूक को माफ कर,देते हरपल साथ॥ सदा सत्य वाणी रहे,देना सबको मान।संस्कारों में जो रहे,जीवन हो आसान॥ बदले उसके भाग्य को,जिसके हो व्यवहार।संस्कारों … Read more

श्रद्धांजलि:बिपिन रावत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************* मेरी सेना के योद्धा (केंद्र- जनरल बिपिन रावत) सिसक रही माॅं भारती,साश्रु वतन संतान।खोकर विपिन सपूत को,अमर शौर्य बलिदान॥ आज पार्थ अवसान सुन,शोकाकुल जन देश।शान तिरंगा वतन खो,बिलख रहा उपवेश॥ वीर काल विकराल था,शत्रुंजय सिरमोर।थर्राता रिपुदल सतत,राष्ट्र मुकुट यश मोर॥ आज पराजित काल से,हुआ विजेता देश।बिपिन वीर तन तज … Read more

हारेगा निश्चित तिमिर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* आज दीप खुशियाँ लिए,गाता मंगल गीत।हारेगा निश्चित तिमिर,हो उजास की जीत॥ दीपक लघु पर आत्मबल,करता है संघर्ष।जिसमें है निर्भीकता,बस वह पाता हर्ष॥ दीपक झेले आँधियाँ,और सभी तूफान।नहीं डिगे संकल्प से,तभी सुरक्षित आन॥ दीपक लघु,पर हौसला,बना विजेता आज।उजियारे की वंदना,का करता वह काज॥ लघु बाती है,तेल कम,है छोटी-सी जान।पर दीपक दिल … Read more

लगा तनिक तू नेह

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** बनवारी की चाहना,मिली मनुज की देह।मनुवा उसके नाम से,लगा तनिक तू नेह॥ मन उसका तू नाम ले,जिसने दिया शरीर।भवसागर से पार तो,करते हैं रघुवीर॥ मनुवा तेरा थाम ले,मुरली वाला हाथ।जग की चिंता क्यूँ करें,चाहे छोड़े साथ॥ वो रज है बड़भागिनी,जिस पर पद की छाप।बनवारी के नेह से,मिट जाते संताप॥ मोहन तेरी बाँसुरी,कैसी … Read more

भाषा बोलें प्रेम की

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************ भाषा बोलें प्रेम की,बैरी बनते मीत।प्रेम भाव सब में रहे,जग की हो यह रीत॥ भाषा कोई भी रहे,करें सभी सम्मान।भाषा हिंदी देश की, हमको है अभिमान॥ भाषा ऐसी बोलिए,जो मन को ले जीत।सत्य वचन हम बोलते,यही हमारी रीत॥ कड़वी भाषा छोड़ दें,मीठे-मीठे बोल।पत्थर भी तो खिल उठे,बन जाये अनमोल॥ भाषा संस्कृत ही … Read more

अभिनंदन मेहमान का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** मातु पिता जयगान हो,जय गुरु जय मेहमान।भक्ति प्रेम जन गण वतन,ईश्वर दो वरदान॥ अभिनंदन मेहमान का,हो स्वागत सम्मान।मधुर भाष मुख हास से,समझ अतिथि भगवान॥ अतिथि जगत में पूज्य है,देवतुल्य तिहुँ लोक।करें समादर विनत मन,मिटे सकल दु:ख शोक॥ जीवन का सौभाग्य है,आगम घर मेहमान।आनंदित आतिथ्य से,बढ़े गेह की शान॥ अतिथि … Read more

झूठ

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* बात करो तुम सत्य ही,झूठ कभी मत बोल।मिथ्या भाषा छोड़ तू,वाणी है अनमोल॥ सत्य झूठ में भेद अति,करलो सच पहचान।जीवन में हो सत्यता,बनो श्रेष्ठ इंसान॥ झूठा बनकर सामने,खड़ा हुआ हूँ शांत।गलत लगा आरोप है,उससे मन है क्लांत॥ चमक-दमक की होड़ में,सभी रखे अरमान।छोटी-छोटी बात पर,बना झूठ है शान॥ क्षणिक खुशी के … Read more

सफ़र

जबरा राम कंडाराजालौर (राजस्थान)**************************** चलता रहता है सफर,जीवन के पल चार।प्रतिपल सोच-विचार का,दिन में बार हजार॥ सोने-जगने का सफर,करने का कुछ काम।सैर-सपाटे घूमने,छुटपुट काम तमाम॥ खाने-पीने और सब,रहत चलत हर रोज।सफर कई हैं भांत के,मिले करे ज्यों खोज॥ घड़ी दिवस पल मास का,साल सदी के पार।सफर अवधि सम ही चले,समझो करो विचार॥ सफर पूर्ण कब … Read more

प्रकाशोत्सव पर्व

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************* दीप जलाएँ आज हम,पावन पर्व प्रकाश।ननकाना पावन धरा,नानक ज्ञानाकाश॥ कहूँ सन्त,फक्कड़ पथिक,दीन दुखी सरताज।अवतारी मानव जगत,प्रीति नीति आवाज़॥ संन्यासी निर्मोह जग,कर कुटुम्ब परित्याग।विविध रूप अनुभूत जन,नानक गुरु अनुराग॥ अवसीदित जनत्रासदी,व्याकुल नानक चित्त।लोभ स्वार्थ मिथ्या कपट,यवनत्रास आवृत्त॥ देख धर्म की हानि जब,मानवता का ह्रास।विकल हृदय नानक चला,बना प्रकाश नवास॥ उद्दोलक … Read more