शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग -२….. शहरी कोलाहल से दूर शांति निकेतन के हरे भरे परिसर में आकर व्यक्ति का प्रकृति के साथ सीधा संवाद स्थापित हो जाता है…सांसारिक भाव कहीं लुप्त होने लगता है…प्रतिक्षण आसपास एक नैसर्गिक संगीत सुनाई देता है…विचारों के अंकुर भी यहां अनायास फूटने लगते हैं…। इस वातावरण में … Read more

लंदन में नए दक्षिण एशिया का सपना

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** लंदन से मैं दिल्ली के दस दिन के प्रवास में ‘दक्षिण एशियाई लोक संघ’ (पीपल्स यूनियन ऑफ साउथ एशिया) का मेरा विचार यहां काफी जड़ पकड़ गया है। पड़ौसी देशों के ही नहीं, ब्रिटेन और इजरायल के कई भद्र लोगों ने भी सहयोग का वादा किया है। उनका कहना था … Read more

शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-१……. शांति निकेतन मेरे लिए हमेशा ही प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। इस बार इस यात्रा ने एक लेखक के रूप में मुझे प्रकृति के ऐसे रूप का साक्षात्कार कराया जो आगे भी अनगिनत रचनाओं को जन्म देगा…l गुस्करा (वर्धमान) में एक दिन प्रवास के बाद अगले दिन ५ … Read more