समूची सृष्टि के श्रृंगार का पर्व ‘बसंत पंचमी’

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** बसंन्त पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव… ऋतुराज बसंत की आहट से ही मन में कुछ अजीब-सी हलचल होने लगती है। वातायन में अलग ही सरसराहट-सी होने लगती है। शिशिर की ठंडी हवाओं की कम्पन ढीली पड़ने के साथ ही कुछ बदला-बदला सा रोमांचक एहसास महसूस होने लगता है। मन … Read more

वर दे वीणावादिनि, वर दे

डॉ. मीना श्रीवास्तवठाणे (महाराष्ट्र)******************************************* वसंत पंचमी:ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव.. “वर दे वीणावादिनि वर दे।प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे!काट अंध-उर के बंधन-स्तर, बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर, जगमग जग कर दे!नव गति, नव लय, ताल-छंद नव, नवल कंठ, नव जलद-मंद्ररव,नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर … Read more

राहुल गांधी की बचकानी राजनीति

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नीचा दिखाने के इरादे से ऐसा बयान दिया है, जो भारत की साख को आघात लगाने एवं देश की एकता एवं अखण्डता को ध्वस्त करने वाला है। राहुल गांधी किस तरह गैर जिम्मेदाराना बयान देने में माहिर हो गए हैं, … Read more

शुचिता, सिद्धि व शिक्षा का महापर्व ‘बसंत पंचमी’

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** वसंत पंचमी विशेष… बसंत पंचमी या श्री पंचमी हिन्दुओं का प्रमुख सांस्कृतिक एवं धार्मिक त्यौहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती, कामदेव और विष्णु की पूजा की जाती है। यह प्रकृति के सौंदर्य, नई शुरुआत, और सकारात्मकता का उत्सव भी है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा से मन में शांति … Read more

समस्याओं को मिटाने के लिए साथ आना होगा

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ गणतंत्र दिवस:लोकतंत्र की नयी सुबह (२६ जनवरी २०२५ विशेष)… ‘गणतंत्र दिवस’ यानी २६ जनवरी का दिन हमें ३ बड़ी उपलब्धियों की याद दिलाता है। पहली यह कि इस दिन हमें वह संविधान मिला, जिसे भारत के लोगों ने स्वयं अपना भविष्य तय करने के लिए बनाया था। दूसरी उपलब्धि राष्ट्र को अपना … Read more

संकल्पों-प्रयोगों से समृद्ध होता गणतंत्र

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** गणतंत्र दिवस:लोकतंत्र की नयी सुबह (२६ जनवरी २०२५ विशेष)… गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, इसी दिन २६ जनवरी (१९५०) को हमारी संसद ने भारतीय संविधान को पारित किया। इस दिन भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बना। इसने अपना स्वतंत्र संविधान इसी दिन लागू किया। किसानों, शिक्षकों, न्यायविदों, मजदूरों, … Read more

लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदाता जागें

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ (२५ जनवरी) विशेष.. भारत में ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ प्रत्येक वर्ष २५ जनवरी को मनाया जाता है। विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए इस दिवस को मनाने की आवश्यकता महसूस हुई और पहली बार इसे वर्ष २०११ में मनाया … Read more

मुफ्त की होड़ में बुनियादी मुद्दे गायब

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** सड़क से लेकर सीवर तक, पर्यावरण से लेकर विकास तक दिल्ली के बुनियादी मुद्दों की जगह मुफ्त की सुविधाओं की होड़ ने दिल्ली के चुनाव को जिन त्रासद दिशाओं में धकेला है, वह न केवल दिल्ली, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए चिन्ता का बड़ा सबब बन रहा है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी … Read more

धर्म मनुष्यता का मंत्र, उन्नति का तंत्र; बांटना नहीं

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** ‘विश्व धर्म दिवस’ इस वर्ष १९ जनवरी को मनाया जा रहा है। यह दुनिया के सभी धर्मों की विविधता और संस्कृति का जश्न मनाने का दिन है। इसको मनाने का मकसद, धर्मों के बीच समझ, सौहार्द और शांति को बढ़ाना है, क्योंकि धर्म दीप नहीं, चिराग नहीं, बिजली नहीं, बल्कि सूर्य है … Read more

सावधान! शांति कोर्ट में चली गई है!

डॉ. मीना श्रीवास्तवठाणे (महाराष्ट्र)******************************************* मूल लेख (मराठी)-विश्वास देशपांडे…. वर्तमान समय की परिस्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि ‘सुबह के रमणीय और शांत समय में…’ जैसे वाक्य अधिकतर कहानियों तथा उपन्यासों में ही पढ़े जा सकते हैं। भोर या सुबह के शांत और सुखद होने की छवि अब दुर्लभ ही समझिए। तरह-तरह की ध्वनियों … Read more