हरियाणा : दलों को चिंतन तो करना पड़ेगा, वरना…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हाल ही में २ राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम में हरियाणा में भाजपा जीती, तो जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के गठबंधन वाली नेशनल कांफ्रेंस जीती है। यह परिणाम झारखंड और महाराष्ट्र के आगामी विस चुनाव के लिए इन दोनों प्रमुख दल सहित अन्य के लिए भी कड़ी चुनौती है। वजह यह … Read more

मानवता का ‘रतन’ चला गया…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता और इसमें आपकी अमीरी कहीं आड़े नहीं आती है, यह सीख सादगी और नेतृत्व की अद्भुत मिसाल एवं आदर्श रतन टाटा ने इस संसार से विदा लेकर सबको दी है। नि:संदेह ऐसा जीवन बहुत कम लोग जी पाते हैं, जो भारत के इस असली रत्न … Read more

कलियुग का रावण

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** अखबार में एक खबर पर नज़र पड़ी… इस बार रावण बनाने के लिए इम्पोर्टेड कागज मंगवाया जा रहा है जापान से…। रावण भी ‘मेड इन जापान!’ लो जी… कर लो बात, रावण भी इम्पोर्टेड! मतलब, हमें हमारी देसी तकनीक पर इतना अविश्वास हो गया है…। कह रहे हैं कि देसी … Read more

हितों पर कुठाराघात

डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** बंगाल में हिंदी-उर्दू की उपेक्षा… यह उत्तर भारतीयों के ही नहीं, अन्य राज्यों में बसे बंगालियों के हितों पर भी कुठाराघात है। बंगाल में ५७ लाख से अधिक हिंदी भाषियों एवं शेष २० लाख से अधिक उर्दू-भाषी मूलत: तो उत्तर भारतीय हैं, बंगाली मुसलमान तो बांग्ला ही बोलता है। हिंदी-उर्दू भाषी … Read more

‘पुरुषार्थी’ राम की राह चलिए…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** विजयादशमी पर्व विशेष… मित्रों, रावण महाग्यानी था या अधर्मी, इसकी बजाए हम अपनी सोचें तो ही जीवन सार्थक हो सकेगा। स्वार्थ छोड़कर, मजहबों में नहीं बंटकर, मतलबों में नहीं उलझकर और भगवान राम की भांति सच्चाई को देखें तथा जीएं तो राम-सा पुरुषार्थी यानी श्रेष्ठ इंसान बनना इतना कठिन भी नहीं है। … Read more

शक्ति की साधना, धर्म-कर्म और जीत का पर्व

ललित गर्ग दिल्ली************************************** विजयादशमी विशेष…. भारतीय त्योहार एवं मेले जहां संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, वहीं प्रेरणाओं से भी जुडे़ हैं। एक ऐसा ही अनूठा पर्व है दशहरा। भारत के लगभग सभी भागों में दशहरे का पर्व एक महान् उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसे ‘विजयादशमी’ भी कहा जाता है। यह पर्व बुराइयों … Read more

विनाश ही विनाश, संकल्प अवश्य लो

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** हर तरफ विनाश ही विनाश है। कुछ देशों की अति विस्तारवादी नीतियों ने सारे विश्व को युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। एक युद्ध खत्म नहीं होता कि, दूसरा युद्ध शुरू हो जाता है। मणिपुर में कुकी और मैतेई लोगों में हिंसा शुरू हो गई, उसमें कितना विनाश हुआ। अभी … Read more

हिंदी की लिपि और नया संस्करण

प्रकाश निर्मल,पुणे (महाराष्ट्र)**************************************** यह सर्व विदित है कि जॉर्ज अब्राहम ग्रीअर्सन ने कई वर्षों के अध्ययन के बाद भारतीय भाषाओं का एक विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट १९१६ में प्रकाशित की थी। इस समय उनके द्वारा की गई व्याख्याएं आज भी विद्वानों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। हिंदुस्तान (मूल फारसी शब्द) इस क्षेत्र की सीमाओं को निर्धारित … Read more

‘सर्वोच्च’ टिप्पणी से पत्रकारों की स्वतंत्रता को मिला बल

ललित गर्ग दिल्ली************************************** सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि पत्रकारों के विरुद्ध सिर्फ इसलिए आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए, क्योंकि उनके लेखन को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है। न्यायमूर्ति हृषिकेश राय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में विचार व्यक्त करने की … Read more

गरबे का थोथा गर्व

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** नवरात्रि के आते ही जैसे शहर में महापर्व का बिगुल बज उठा हो। चारों तरफ गरबा और डांडिया की धूम है। सड़कों से लेकर गलियों तक एक ही आवाज़ गूंज रही है- “जय माता दी, डीजे वाला भैया, थोड़ा गाना लगा दो, बेबी को बेस पसंद है।” डीजे की रीमिक्स … Read more