न जन्म सहज, न मृत्यु…

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** पुराने समय में महिलाएं प्रसव घर पर ही करती थी। उस समय दाईयाँ होती थी, जो सुरक्षित प्रसव कराती थी। अस्पताल जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी, न कोई ज्यादा खर्च, न कोई झंझट। बहुत सरलता से प्रसव हो जाता था, पर वर्तमान युग में प्रत्येक प्रसव अस्पताल में … Read more

आराधना में आधुनिकता का तड़का मत लगाओ

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ आदिशक्ति माँ दुर्गा (नवरात्रि विशेष)… आदिशक्ति माँ दुर्गा की उपासना का महापर्व नवरात्रि पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें छोटी-छोटी बच्चियों के साथ सभी वर्ग के पुरुष, महिला, लड़कियाँ और युवा इस महारास गरबों की धूमधाम की जान होते हैं। ऐसे धार्मिक उत्सव में माता रानी की … Read more

शांति एवं मुस्कान का झरना ‘पर्यटन’

ललित गर्ग दिल्ली************************************** अंतरराष्ट्रीय एकता, शांति, सौहार्द और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने सहित दुनिया में शांति एवं अयुद्ध को बढ़ावा देने में पर्यटन की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतर-सांस्कृतिक बातचीत को प्रोत्साहित करता है। लोग जितना अधिक यात्रा करते हैं, उतना ही वे विविध संस्कृतियों का अनुभव करते हैं, जिससे अधिक सहिष्णुता और … Read more

बापू के फ़र्ज़ आज भी प्रासंगिक

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ गाँधी जयंती (२ अक्टूबर) विशेष… सत्य की राह पर जब कोई मनुष्य चलता है, तो स्वाभाविक है कष्ट तकलीफ़ व परेशानी होती है पर जो सच्ची राह पर चलता है, वह इन छोटी-मोटी चीजों से बड़ी सीख लेकर आगे बढ़ जाता है। वकील मोहनदास करमचंद गांधी अपने-आपमें सशक्त अभिव्यक्ति के … Read more

महात्मा और गांधी

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** गाँधी जयंती (२ अक्टूबर) विशेष…. रात सपने में गांधी जी ने दर्शन दिए। सच पूछो तो मैंने पहचाना नहीं, न तो चश्मा.., न लाठी…, धोती भी फटी हुई, साथ में ३ बन्दर भी नहीं थे, चरखा भी नहीं, बताओ! भला कैसे पहचानता…। बस कमर झुकी हुई थी। मेरे पास आकर … Read more

शाकाहार:पर्यावरण और विश्व-व्यवस्था होगी सुरक्षित

ललित गर्ग दिल्ली************************************** विश्व शाकाहार दिवस (१ अक्टूबर) विशेष… ‘विश्व शाकाहार दिवस’ प्रतिवर्ष १ अक्टूबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। १९७८ में अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी संघ द्वारा ‘शाकाहार से खुशी, करुणा और जीवन-वृद्धि की संभावनाओं को बढ़ावा देने’ के लिए इसका समर्थन किया गया था। यह शाकाहारी जीवन शैली के नैतिक, पर्यावरणीय, स्वास्थ्य और … Read more

हिंदी विरोध के पीछे है अंग्रेजी का वर्चस्व

रविदत्त गौड़ ******************************** हमारे देश में एक राजनीतिक संघर्ष बरसों से चल रहा है हिंदी और अंग्रेजी के बीच। दुर्भाग्यवश इस संघर्ष का नेतृत्व जो लोग कर रहे हैं, वे हिंदी का विरोध तो देश की अन्य भाषाओं के नाम पर कर रहे हैं, पर उस विरोध के कारण अंग्रेजी और अधिक सुदृढ़ होती जा … Read more

घूँघट के पट खोल…

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** मैं कुछ अति मित्रता प्रेमी किस्म का बंदा हूँ, जल्दी से फेसबुक पर अपने ५ हजार का लक्ष्य पार करना चाहता हूँ, ताकि मेरा पृष्ठ भी ‘पब्लिक फिगर’ बन जाए। सच पूछो तो कुछ हस्ती जैसी ‘फीलिंग’ आती है, शायद मेरी ये भावना फेसबुक के खोजी कुत्ते ने सूंघ ली … Read more

रहें ना रहें हम, महका करेंगें…

डॉ. मीना श्रीवास्तवठाणे (महाराष्ट्र)******************************************* लता मंगेशकर विशेष (२८ सितम्बर १९२९-६ फरवरी २०२२)… ‘एको अहं, द्वितीयो नास्ति,न भूतो न भविष्यति!’(अर्थात-एक मैं ही हूँ, दूसरा सब मिथ्या है, ना मेरे जैसा कोई आया था और ना ही मेरे जैसा कोई आएगा। ना ही भूतकाल में ऐसा कुछ हुआ था, और ना ही भविष्य में ऐसा कुछ होगा।)यह … Read more

घुटती साँसों से आयु की चिन्ता

ललित गर्ग दिल्ली************************************** वायु प्रदूषण का संकट भारत की राष्ट्रव्यापी समस्या है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की हाल ही में जारी रिपोर्ट इस चिन्ता को बढ़ाती है, जिसमें कहा गया कि वायु प्रदूषण के चलते भारत में जीवन प्रत्याशा में गिरावट आ रही है। इसमें फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले पी.एम. २.५ कण की बड़ी भूमिका … Read more