आसरा

डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्लइन्दौर (मध्यप्रदेश)***************************************** “तुम्हारी आँखें झपकी जा रहीं…. तुम सो जाओगे और देखना दीए बुझ जाएंगे !”“अभी तक बुझे क्या…? तू आराम से सो, मैं दीयों को नहीं बुझने दूंगा, दीयों में तेल डालता रहूंगा।”घरवाली ने आँखें बंद कर ली। इधर, उसने बीड़ी सुलगा ली ताकि नींद उड़ सके। नींद थी कि जाने … Read more

आत्मनिर्भरता

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** “अरे दीदी! धन्य भाग्य जो आप इधर आईं। देखो, आज आपके सिखाए हुए हुनर से हम रोजाना काफी पैसे कमा लेती हैं। मैं सूट की सिलाई करती हूँ और ये जो अनिता है ना, यह सूट के बचे हुए कपड़ों से डिज़ाइनर फ्राॅक बना देती है। आपके समझाने पर मेरे एक भाई … Read more

फर्नीचर

डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्लइन्दौर (मध्यप्रदेश)***************************************** “सक्सेना साहब! इन दिनों जब भी प्रोफेसर सुशील कुमार मिलते हैं तो घर जरूर बुलाते हैं।”“मुझे मालूम है कि वह क्यों बुला रहे हैं ?”“क्यों शर्मा जी…?”“… अभी उन्होंने ५०-६० लाख का नया फर्नीचर बनवाया है। वह उसी को दिखाने के लिए सभी को आमंत्रित किया करते हैं। मुझे भी … Read more

गणेश की वेदना

डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्लइन्दौर (मध्यप्रदेश)****************************** ‘गणपति बप्पा मोरया…. मंगल मूर्ति मोरया’…. ‘मुकाबला मुकाबला तेरे भक्तजनों का मुकाबला’ गीत डीजे की इतनी तेज आवाज में बज रहा था, कि धरती में कंपन होने लगा था। उस पर बैंड और नगाड़ों की आवाज अलग…! उम्रदराज वाले लोगों की चाल तेज हो गई थी, वह उस आवाज से … Read more

वापसी

डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्लइन्दौर (मध्यप्रदेश)****************************** वृद्धाश्रम में अम्मा को खड़ा कर उसने उनका सूटकेस वहाँ रखा और औपचारिकताएँ पूरी करने के लिए कार्यालय की ओर चला गया।लौटकर आया तो अम्मा को आँसू पोंछते देख कर वह द्रवित हो गया।“क्या करूं अम्मा…? घर में शांति के लिए मजबूरीवश मुझे यह करना पड़ रहा है। तुम तो … Read more

फैशन और लाज

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ ३५ वर्षीय सावित्री लोगों के घरों में झाड़ू-फटका करके अपनी बेटी खुशी को पढा-लिखा कर उसके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए अथक परिश्रम कर रही थी।७ वर्ष की खुशी बहुत भोली और अबोध लड़की थी, परंतु पढने में बहुत तेज थी। उसकी फटी हुई फ्रॉक को सावित्री बार-बार सिल कर पहनने … Read more

कुसुमलता

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** ‘कुसुमलता’ नाम था उसका,पूरी सोसायटी में कोई ऐसा नहीं था, जिसे उसका नाम न पता हो।वो थी ही ऐसी, साफ-सुथरे कपड़े पहनती, सबका यथायोग्य आदर करती, सब उससे बहुत खुश रहते।बस उसकी एक आदत सबको बहुत परेशान करती है, वह यह कि वो अपने पास मोबाइल नहीं रखती। इससे सभी को कठिनाई … Read more

बेटी के घर का पानी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** श्यामलाल जी और विनोद जी आपस में समधी थे। श्यामलाल जी की बिटिया स्वाति का विवाह विनोद जी के पुत्र सुभाष के साथ करीबन ३ महीने पहले ही हुआ था। श्यामलाल जी पुराने विचारों को मानते थे।पहली बार जब श्यामलाल जी बिटिया की ससुराल आए तो विनोद जी ने … Read more

तुम्हारे बिना

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ डॉ. अर्जुन जब से कानपुर देहात के जिला अस्पताल में सीएमओ बन कर आए हैं, उनका सामाजिक दायरा भी बढ़ गया है। चूंकि, वह सरकारी पद पर कार्यरत थे, इसलिए वह लोगों से उनके प्रायवेट कार्यक्रमों से अधिकांशतः हाथ जोड़ कर माफी मांग लेते थे, लेकिन फिर भी किन्हीं कार्यक्रमों में मना … Read more

अपना घर

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* अपने आधे से अधिक सफेद हो चुके बालों को संवारती मंजरी खिड़की के पास बैठी अतीत में चली गई। उसके पिताजी कहा करते थे-“लड़की का असली घर ससुराल होता है।” उसके बाद पति कहा करते थे-“तुम्हारा ही नहीं, यह हम सबका घर है”, लेकिन अकस्मात एक दिन पति भगवान को प्यारे हो … Read more