आसरा
डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्लइन्दौर (मध्यप्रदेश)***************************************** “तुम्हारी आँखें झपकी जा रहीं…. तुम सो जाओगे और देखना दीए बुझ जाएंगे !”“अभी तक बुझे क्या…? तू आराम से सो, मैं दीयों को नहीं बुझने दूंगा, दीयों में तेल डालता रहूंगा।”घरवाली ने आँखें बंद कर ली। इधर, उसने बीड़ी सुलगा ली ताकि नींद उड़ सके। नींद थी कि जाने … Read more