भूखी दादी
रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** मोहल्ले में नवरात्रि पर्व की चहल-पहल थी। कृष्णा की दादी देवी गीत गुनगुना रही थीं। कृष्णा उनके ऑंचल से खेल रही थी कि, उनको फिर उल्टी…
रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** मोहल्ले में नवरात्रि पर्व की चहल-पहल थी। कृष्णा की दादी देवी गीत गुनगुना रही थीं। कृष्णा उनके ऑंचल से खेल रही थी कि, उनको फिर उल्टी…
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** "माँ एक बात बताओ, तुम रोज़-रोज़ मंदिर जाती हो और खूब उपवास भी रखती हो। इस तरह के धर्म-कर्म के कार्य से कैसा अनुभव होता…
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** सेठ हीरामल जी जीवन के कोई भी काम त्याग सकते थे, लेकिन मंदिर जाना उनका नित्य का नियम था। मंदिर से लौटने पर ही अन्न…
मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ************************************************ सौम्या- 'दादी जी ! स्कूल को देर हो रही है, मेरा टिफिन भी डाल दीजिए।'समर- 'दादाजी ! मेरे बाल संवार दीजिए…।'सौम्या- 'दादी जी ! मैं तो भूल…
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** उम्र के साथ नजर जरा कमजोर हो चली थी, इसलिए रामचरण ने छोटी पोती धैर्या को बुला महीने भर के बिलों को दिखाते हुए हिसाब…
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** शांतनु अपने पापा के साथ बाजार गया। बाजार में काफी शॉपिंग के बाद वे लुहार की दुकान पर पहुंचे।दुकान देख शांतनु ने पापा से पूछा,…
डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्लइन्दौर (मध्यप्रदेश)****************************** कागज को पेड़ के आकार में काट कर, मार्कर से उसने पेड़ की आकृति बनाई। कैंची से उसे काटा। उसमें छोटे-छोटे छेद किए। रंग-बिरंगे कागज…
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** कक्षा में आज अज्जू के प्रथम सत्र की परीक्षा का परिणाम दिखाया जाने वाला था। अज्जू के माता पिता व्यवसायिक होने के कारण काफी व्यस्त…
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** आज सास की चार कड़वी बातें सुन मिताली की आँखें भर आई। उसे रह-रह माँ की याद आ रही थी। काश ! माँ ने पढ़ाई-लिखाई…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** १८ वर्षीय मंदाकिनी, मंदाकिनी-सी ही छलकती, उछलती चारु चँचल चाँद-सी चमकती, ससुराल की ड्योढ़ी में आटे की चौक ऊपर रखे पाटे में पीली साड़ी, लाल चुनरी महावर…