अनगिनत सपनों का अम्बर

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* उन अनगिनत मुसीबतों का,हिसाब लगाना मुमकिन नहींउन अनगिनत उलझनों से,जूझना जोखिम से कम नहीं। उन अनगिनत राहों का,एक बिंदु पर मिलना संभव नहींउन अनगिनत सितारों का,चमकना…

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बता दो भारत का दम

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )****************************** इन्होंने मानवता को बेच दिया,सौदागर बन यह दुश्मन आतंकवादीदया नहीं है इनमें, यह दिलों के हैं काले,जो कफ़न को बेच कर तोड़ रहे हमारे भारत…

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फिर साँप बाहर निकला

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... कर दिया चालीस को धराशायीतो बहुत ऊपर उड़ने लगे थे,पर तेरी क्या बिसात जो तुम…थाह भारत की लेने चले थे।…

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प्रभु जी तोसे नेह लगाऊँ

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** प्रभु जी तोसे नेह लगाऊँ जी,करुणा निधि हो खान गुणों की,गुण नित गाऊँ जी। मान अपमान से ध्यान हटाओ,तुमको ध्याऊं जी,तुम ही गुरु हो,…

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हर पल साथ निभाती

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* क्या सबसे अच्छी दोस्त…? ('विश्व पुस्तक दिवस' विशेष)... सबसे अच्छी दोस्त पुस्तकें, हर पल साथ निभाती हैं।अँधियारे में दीप जलातीं, हमको राह दिखाती हैं॥ वाहक पुस्तक…

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सपनों का संसार सजाती

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* क्या सबसे अच्छी दोस्त…? ('विश्व पुस्तक दिवस' विशेष)... पुस्तक हमको ज्ञान सिखाती,पुस्तक जीना हमें बताती।यदि भटकें अनजान राह पर,पुस्तक हमको मार्ग दिखाती। जीवन की बगिया…

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किताबों संग रंग जाते थे…

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* क्या सबसे अच्छी दोस्त…? ('विश्व पुस्तक दिवस' विशेष)... खोए-खोए से ख्वाबों में,हम दो दुनिया में जीते थेसुंदर पल, प्यारे बचपन में,पुस्तकों से चुराया करते थे। चम्पक,…

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हम सभ्य हो रहे हैं…

ऋचा गिरिदिल्ली*************************** हम सभ्य हो रहे हैं, पहले से कहीं और अधिक। हमारे अंदर जितनी अधिक सभ्यताउतनी ही संवेदनहीनता,और जितनी संवेदनहीनताउतनी ही व्यावसायिकता। यह हमारे विकास के लिए जरूरी है…वाकई…

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डरपोक दुश्मन, बरसा गए गोलियाँ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** 'पहलगाम',असहाय निर्दोषआतंकी हमला किया,कायरता-बुजदिलीचीख। 'पहलगाम',था अमनआँखों में सुकून,स्वर्ग कश्मीरबर्बरता। 'पहलगाम',क्या किया ?आतंकी अमन चुभा,इंसानियत हत्यारेअमानवीयता। 'पहलगाम',डरपोक दुश्मनबरसा गए गोलियाँ,करो सामनासेना। 'पहलगाम',लड़ो सामनेआओ मैदान में,दिखाएंगे वीरतामौत। 'पहलगाम',आतंकवाद-हिंसाअरे…

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मन की पीड़ा

जी.एल. जैनजबलपुर (मप्र)************************************* शब्द हैं रूके-रूके,नैन हैं ठगे-ठगेअतिथि सभी छले गए,नाम धर्म का, मौत दे गए। सर झुके-झुके,कदम नहीं रूकेबीबी रोई, बच्चे भी रोए,नाम धर्म का, मौत दे गए। पर्वत…

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