महसूस करती है वो

कल्याण सिंह राजपूत ‘केसर’देवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* चाँद-सितारों में तो,कभी नीले गगन केबादलों में निहारती है वो मुझेतो परिंदों की तरह,कभी घर की छत परबुलाती है वो मुझे। कभी भीड़ में तो,कभी तन्हाइयों मेंढूंढती हैं वो मुझेकभी खुद की धड़कनों में,महसूस करती है वो मुझे। मदमस्त खुशबू बनकर,मेरे तन-मन कोस्पर्श करती है वो मुझेपल-पल हर पल,मुझे ऐसे … Read more

मह-मह महकी वसुन्धरा

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** प्यासी धरती पर जल बरसा, मह मह महकी वसुंधरा,चहुँ ओर यौवन छाया, हर घाट-घाट है हरा-भरापात-पात पर कलियाँ के मुख खुलने को अब विकल हुए,कलियों का चुम्बन करने को भ्रमरों के दल निकल पड़ेधानी चादर ओढ़ धरा ने अपना आँचल लहराया,मह-मह महकी वसुंधरा को देख मन बहुत हर्षाया। आल्हादित हो गया गगन, … Read more

सपनों का शहर

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* जहां रिश्तों में अपनापन हो,हर चेहरे पर मुस्कान होप्रेम की भाषा बोलें सब,नफरत की जहां जगह न होमेरे सपनों का शहर ऐसा हो…। तकनीकी के नए दौर में,जज्बात किसी के कम न होंबस मंजिल की दौड़ न हो,जीवन का सफ़र मजा भी होमेरे सपनों का शहर ऐसा हो…। कांक्रीट की दीवारों के … Read more

मानो या ना मानो

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** पुनर्जन्म होता,मानो या ना मानोपुराण-ग्रंथों में उदाहरण मिलते,पहचान लेता नन्हा बालकदूर बसे गाँव के लोगों को,जिसने उसे इस जन्म मेंकभी देखा ही नहीं,ये हकीकत हैमानो या ना मानो। याददाश्त नए जन्म में,कुछ समय टिकी रहतीपूर्वजन्म की नन्हें शरीर मेंफिर विस्मृत होने लगती,पुनर्जन्म की यादेंइसलिए कहा जाता,शरीर नश्वर आत्मा अमरस्मृति का ये … Read more

मनमोहन अभिराम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मनमोहन मुरलीधरन, मन मुकुन्द अभिराम।मधुवन माधव माधिवी, जय हो राधेश्याम॥ भज पीताम्बर पदयुगल,मोरमुकुट अभिराम।लीलाधर राधा लसित, मालाधर सुखधाम॥ नंदलाल नटवर नयन, चारु कमल कमलेश।उत्तरीय शोभित हरित, तिलक भाल गोपेश॥ वेणीमाधव चारुतम, राधा रानी वाम।बिम्बाधर शुचि अस्मिता, अरुणिम रूप प्रणाम॥ भव्य मनोहर चन्द्रमुख, मातु यशोदा लाल।केशव माधव राधिका, दामोदर गोपाल॥ … Read more

मन मचल रहा

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** नयी सी हवा है, नया आसमां,ठंडी हवा का दौर चल रहा हैमन तुमसे मिलने,को मचल रहा है। नयी-सी हवा है,नया आसमांतुम आ जाओगे,तो बदलेगा समां। मौसम सुहाना है,हमने ये माना हैसब कुछ छोड़कर,तुम्हें चले आना है। आसमां में बादल छाए हैं,हम तुमपे नजरें बिछाए हैंअपना लो मुझको इसके पहले,कि … Read more

सफ़र-ए-ज़िंदगी पर…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ सोचता हूँ मैं ए ज़िंदगी,तू कितना साथ देगीइसलिए हर रोज निकलता हूँ मैं,‘सफ़र-ए-ज़िंदगी’ पर…। कभी दर्द कभी खुशी का वो कारवां,कुछ खट्टा-कुछ मीठा-सा अनुभवइससे आगे बढ़ता हूँ मैं,‘सफ़र-ए-ज़िंदगी’ पर…। मुश्किलों से डरना मेरा काम नहीं,मैं हारा जरुर हूँ पर जीत की आशा नहीं छोड़ी मैंनेदेखना है मुझे मालिक मंजिल अब … Read more

कदम बढ़ाया है

कुमारी ऋतंभरामुजफ्फरपुर (बिहार)************************************************ नारी जागरण की बेला में, हमने कदम बढ़ाया है,गॉंव-गॉंव, गली-गली की नारियों को जगाने की शपथ उठाई हैमन व्याकुलता से भरा हुआ, मन अब भी दुखदाई हैनि:स्वार्थ भाव से सबको राह दिखाएंगे,अब हम तो बस यही राह अपनाएंगेअपना दुःख छिपाकर हमने, सबकी राहें जगाने की ठानी है,नारी शक्ति तेरे अंदर, हमें बस … Read more

चाँद मेरे हो

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** चाँद मेरे हो तुमचाँदनी मैं तेरी,राग तुम हो मेरेरागिनी मैं तेरी। तुम हो दीपक अगरमैं तो बाती बनी,तुम हो गुनगुन भँवरमाला सुरभित बनी। तुम जो आकाश होमैं हूँ शीतल धरा,तुम अगर जाम होमैं हूँ प्याला भरा। हूँ तेरे साथ मैं,साथ तुम हो मेरे।स्वप्न होते मेरेअब पूरे अधूरे। गीत मैं हूँ तेरी,मीत मैं … Read more

उत्सव… उमंग

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* जीने की उमंग जगाते हैं,व्यस्तता से खुशी चुराते हैंउत्सव जब गृह में आते हैं,सुंदर वर्तमान बनाते हैं। वह उत्सव ही तो होते हैं,अपनों की पहचान कराते हैंपरिवार का महत्व बताते हैं,ज़िंदगी को संपूर्ण बनाते हैं। यात्राएं कराते हैं, मस्ती में रमाते हैं,सुस्त-सी ज़िंदगी, ज़िंदादिल बनाते हैंभूले पकवानों का स्वाद दिलाते हैं,संस्कार, … Read more