कुंती के उत्तर
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* बोली कुन्ती-"सुनो पुत्र-थी उत्सुकता मुझे उस मंत्र के प्रति,पता नहीं अन्याय होगा दूसरे के प्रति। बरसों की सेवा का देखना चाहती थी परिणाम,कुछ यौवन…