भारतीय नववर्ष लाए उमंग

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* स्वागतं नव वर्ष है अर्चनअनेक आशाओं के संगनये लक्ष्यों का जगे स्वप्नचैत्रप्रतिपदा लाए उमंग। पथ पर चलते चलो राही,चुनौतियों के लिए हो दमजीत है संकल्प…

0 Comments

फल यहीं मिलता सदा

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* उल्टे-सीधे छोड़ कर, दुनिया के व्यापार।जीवन को नित दीजिए, सेहत का उपहार॥ मानवता को कर रहे, हर रोज़ खण्ड-खण्ड।जो फैलाते फिर रहे, कदम-कदम पाखण्ड॥…

0 Comments

छल-बल का परित्याग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* छल-बल में क्या रखा, ये लाते दुष्परिणाम।पतन सुनिश्चित ये करें, हैं दु:ख के आयाम॥ छल-बल मात्र प्रपंच हैं, बचना इनसे आज।वरना तय होगा यहाँ, झूठ-कपट का…

0 Comments

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय रटते रहो,जब तक तन में श्वाँस।शंकर-कंकर नाथ प्रभु,करते पूरी आस॥ शिव की महिमा क्या कहूँ, देते हाथ पसार।आशा अरु विश्वास से, जाओ हर…

0 Comments

चर्म देह वस्त्र दिया

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** चर्म देह वस्त्र दियाभीतर मल के ढेर को,मर्म दिया अस्त्र रुपअहम मन के फेर को। अर्थ दिया गृहस्थ कोधर्म दिया मनुष्य को,कर्म को सत्कर्म दियाध्यान छल के…

0 Comments

हम हैं राही प्रेम डगर के

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** ना ऊंच-नीच, ना जात पात काअपना कोई बहाना रे,हम हैं राही प्रेम डगर केदिल है मेरा ठिकाना रे। बस ढाई आखर के ऊपरहै टिका हुआ यह…

0 Comments

बनी मन्जिल मगर…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* बनी मन्जिल मगर राही, सभी पहले गुज़र जाएं।भटकता राह बिन ही दिल, मुसाफिर फिर किधर जाएं॥ सजाते पर्व-सा मंज़र, करे आगाज़ जब जीवन,दुखी होते पहुंचता…

0 Comments

मैं जीवन में कुछ कर न सका

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** साहित्य सृजन से क्या होता है ?इससे किसी का पेट भर न सका,'सरस्वती' के बदले 'लक्ष्मी' कामैं आराधन कर न सका,मैं जीवन में कुछ कर न…

0 Comments

बेरुखा पतझड़

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* पुराने पत्ते का वृक्ष से गिरना,कहलाता है पतझड़ का होना। परिवर्तन की है निशानी पतझड़,नए के आने की सूचना पतझड़। पेड़ के वस्त्र बदलने…

0 Comments

सब देते हैं

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* वक्त ज़रूरत सब देते हैं।माँगो लाख़ अरब देते हैं। सबसे पूछें नाम पता पर,अपना परिचय कब देते हैं। बनें रुकावट काम करें तो,ताने लेकिन…

0 Comments