मित्र सदा अनमोल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मित्रता और जीवन... भूलो बिलकुल भी नहीं,मित्र निभाता साथ।हर मुश्किल में संग है,नहीं छोड़ता हाथ॥नहीं छोड़ता हाथ,लड़े वो सारे जग से।रखे छुपा सब राज़,सुपरिचित वह रग-रग…

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वनवासी कन्या

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* कन्या है वनवासिनी, रहे प्रकृति के संग।दूर रहे संसार से, उसका अपना ढंग॥उसका अपना ढंग, लगे वह भोली-भाली।नाचे मृगकुल बीच, खुशी से दे दे ताली॥कोमल शांत…

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शिखर

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान)********************************************* चढ़ता उन्नति का शिखर, भारत देश महान।दुनिया करती है नमन, ऊंची इसकी शान॥ऊंची इसकी शान, वीर करते रखवाली।धरती स्वर्ग समान, छटा है बड़ी निराली॥इस पर लेता जन्म,…

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सखियां

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** डोलत बगियों में सखी, घूमें सखियां साथ।झूलत है झूला कभी, लिए हाथ में हाथ॥लिए हाथ में हाथ, करें आपस में मस्ती।गाती मिल के गीत, लगे मनभावन बस्ती॥'सरला' कहती…

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बहना

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** बहना तुम डरना नहीं, बनो बहादुर वीर।छोड़ो बनना तुम कली, रखो हाथ में तीर॥रखो हाथ में तीर, करे अब वार न कोई।बीती सदियां आज, रही तू अब तक…

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महँगाई

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* मँहगाई की मार से, सारा जग बौराय।राशन आटा भाव तो, आसमान छू जाय॥आसमान छू जाय, करें क्या समझ न आता।क्या होगा घर-द्वार, सोच मन है…

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भ्रष्टाचार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************** दौलत धन के फेर में, करते अत्याचार।तभी पनपते हैं यहाँ, साथी भ्रष्टाचार॥साथी भ्रष्टाचार, देखकर मुँह मत मोड़ो।इसका करो विरोध, झूठ का दामन छोड़ो॥कहे 'विनायक राज',…

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नारी शक्ति

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************** नारी जीवनदायिनी, नारी से संसार।नारी से घर-द्वार है,नारी मूरत प्यार॥नारी मूरत प्यार, सजा रख दिल में अपने।शक्ति बिना नहिं होय, कभी पूरे ये सपने॥कहे 'विनायक…

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देख रहे सब लोग

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* नर्म करो तेवर ज़रा, भरसक रक्खो लोच।उनकी करो सराहना, अच्छी जिनकी सोच॥ लोकतंत्र मज़बूत हो, जब होवै संवाद।बातचीत से हल हुए, छोटे-बड़े विवाद॥ अजब…

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बाल श्रमिक अभिशाप

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************** मजबूरी सर है चढ़े, सभी गरीबी आप।करते बच्चे काम हैं, बाल श्रमिक अभिशाप॥बाल श्रमिक अभिशाप, पेट के खातिर करते।दु:ख-पीरा को आज, देख लो कैसे सहते॥कहे…

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