वे आसरा थे
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)… पिता का दाह-संस्कार कर,घर के सामने खड़े होकरअपने पिता को पुकारने की प्रथाजो दाह-संस्कार में सम्मिलित होकर,बोल रहे थे कि “राम नाम सत्य है”उन्हें हाथ जोड़कर विदा करने की विनती। जब श्राद्ध पक्ष आया,श्रद्धा और हम के साथहमने तस्वीर देखी,आँखों में पानी भर आयागला … Read more