सौभामिनी-करवा
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* सौम्य सोम की शीत रश्मि से,आँचल अपना भर लेंगी।प्रेम पयोधि पी कर पी कर से,तृप्त आचमन कर लेंगी॥ बांधेगी विधु को छलनी के,सूक्ष्म परिधि के भीतर हीअर्ध्य धार देंगी सारी,आज धरा की वैदेही। देंगी चुनौती अप्सराओं को,ठहरो अभी संँवर लेंगी…॥ जिनके पी परदेश पधारे,पी छवि शशी में ढूंढेगीसुमन सुधाकर को कर अर्पित,स्मृति … Read more