वो भी क्या दिन थे, जब…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* वो भी क्या दिन थे,जब खत लिखे जाते थेसारे संदेश, भले हो या बुरे,चिट्ठी में मिल जाया करते थे। बच्चे का मुंडन हो,या बेटे का उपनयनबेटी…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* वो भी क्या दिन थे,जब खत लिखे जाते थेसारे संदेश, भले हो या बुरे,चिट्ठी में मिल जाया करते थे। बच्चे का मुंडन हो,या बेटे का उपनयनबेटी…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** अपनी सुरक्षा अपने हाथ,कोई न देगा दुःख में साथखान-पान का तुम रखो ख़याल,तभी बनेगी अपनी बात। संभल-संभल कर क़दम रखो,गर्म पानी से करो शुरुआतठंडा खाना बिल्कुल मत…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ दर्द अपना हो या पराया,दर्द होता हैबहुत मुश्किलों में जीवन ज़ीना पड़ता हैकोशिश लाख कर ले ज़िन्दगी,पर हार नहीं मानता वही इंसान होता है। हजारों…
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** मेघ, सावन और ईश्वर... सावन-माह बड़ा ही पावन,भक्तिभाव में डूबा जन-जन।कहीं भजन, शिव झांकी मिले,कहीं शंखनाद कहीं दीप जले।भोलेनाथ की सजी नगरिया,कांवर लेकर चले कांवरिया।मनभावन सावन आयो…
डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’,जोधपुर (राजस्थान)************************************** अन्तर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस (४ अगस्त) विशेष... दिल की पहली जरूरत दोस्ती है,मैत्री दोस्ती की अनूठी दास्तांखूबसूरत अहसास दोस्ती,दु:ख में, सुख में साथी दोस्त होतो बड़ी…
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* मुस्कुराहट में कुछ भी खर्च नहीं होता,लेकिन यह बहुत कुछ देती हैयह पाने वालों को समृद्ध बनाती है,ना देने वालों को गरीब बना देती है। इसमें…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* मेघ, सावन और ईश्वर (सावन विशेष).... सावन की ये झड़ी,तड़पाए हर घड़ीसुबह से शाम,बरसाएं नैनों से झड़ी। झरोखे से निहारूं,बौछारें मनोरम लगे बड़ीतसव्वुर तुम्हारा लगा जाए,भीगी…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** हार कर जिंदगी से,असहाय कोई शरण में आएसच्चा गुरु वही जो,निष्पक्ष सीने से उसे लगाए। स्नेह का हाथ रखे सिर पर,तिमिर सभी मिटाएऊँच-नीच के भेदभाव को,जग से…
धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************************* सावन की हरियाली लगती है मनभावन,पेड़-पौधों, जंगल में आया हो जैसे यौवनरंग-बिरंगे फूल खिले हैं खेत-खलिहान,फलों से लदे हैं पेड़ सभी और वृक्षों की डार।…
मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* गोरे काले बादल आएँ,सभी दिशा में हैं छितराएँठुमक-ठुमक कर मोर नाचता,बादल ढम-ढम ढोल बजाएँ। लगा बरसने पानी झमझम,बादल बरसे दिनभर थम-थमशीतल ठंडी चलीं हवाएँ,है कितना मनभावन…