श्रमिक की व्यथा

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... श्रमिक दिवस है आज,आप मुझ पर कविता लिखिएकहानी लिखिए, श्रम-दिवस मनाइए, भाषण सुनाइए। मैं कल जहाँ था, आज भी वहाँ हूँ,मेरी जिन्दगी…

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कुछ भी करने को मजबूर…

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... सुख-सुविधाओं सेकोसों दूर,पापी पेट की खातिरकुछ भी करने को मजबूर,होते हैं मजदूर। जहां मिले रोजी-रोटी,डालते वहीं रैन-बसेराश्रम के उपासक,कर्म के साधकविकसित…

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सरहदी बाशिंदे

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** माँएं रोती खून के आँसू,बाप बेचारे बिलखते हैंजब नन्हें-नन्हें बच्चे उनके,ललाट पर गोली खाते हैं। घरों के उड़ते तब परखच्चे से उनके,जब पाकिस्तानी बेवजह गोली चलाते…

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मैं मजदूर…

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... मैं मजदूर हूँ,क्योंकि मेरे सर पर छत नहींन मेरे पैरों के नीचे जमीन है,न खाने के लिए सूखी रोटी…

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सहारा माँ से ही मिला

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** इंसान चाहे कितना भी,तकलीफ में क्यों न होजब वो माँ के पास होता है,तो सारे ग़म भूल जाता है। मेरी माँ ने मुझे,हर वक्त सम्भाला थाऐ जिंदगी,तू…

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तुमने न मानी हार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... जादू बिछा दिया धरती पर,तुमने श्रमिक न मानी हारजीवन हरियाली बो-बोकर,सुखद बनायी तुमने राह। स्वर्ग धरा को बना दिया है,निज कर से…

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नृत्य कला अनुपम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* आनंदित हो उठे जब तन-मन,भावों के तीर चलाए मृगनयनी नयन। उमंग भरी भावनाओं को मिले एक नई तरंग,लिए सपने सतरंग। बाजे मृदंग, गीतों के हिंडोलों पर,नृत्य…

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हमें सम्भालो…

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मैं तो बहुत ही इज्जतदार हूँ मित्र,क्योंकि भगवान् नाम, दिया है पैसामेरी इज्जत करो, करूँगा मालामाल,वरना बनोगे भिखारी, रहोगे फटेहाल।  सच कहता हूँ, मनुष्य मुझसे डरते…

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भावों का समन्दर

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** कोरे कागज पर अपनी,भावनाओं को लिख डालिएबिखरे हुए जज्बातों को,एक लफ्ज़ में कह डालिए। बड़ा गहरा होता है,भावों का समन्दरदिल के अरमानों को,आँखों से बह जाने दीजिए।…

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प्रकृति का सौंदर्य

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** ज़िन्दगी की राहों में, विचारों की ढलान,प्रकृति की सुंदरता, विश्वास का स्थान। पर्वतों की ऊँचाई, समुद्र की गहराई,प्रेरणादायक प्रकृति, खोज में विचारी। वनों की घनी छाँव,…

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