कहकशाँ तेरी-मेरी बातों का

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’,जोधपुर (राजस्थान)************************************** कहकशाँ तेरी मेरी बातों का,तेरा-मेरा साथ हो, दिलकश नज़ारा हो। तसलीम करूँ मैं तुम्हारी मोहब्बत को,फूलों का इशारा हो। कुदरत की बहारें, बहते फव्वारे,जन्नत के…

Comments Off on कहकशाँ तेरी-मेरी बातों का

वाह री! इंसानियत

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** वाह रे ओ खुदगर्ज! चौरासी श्रेष्ठ इंसान,मैं हूँ इंसान बस, मैं ही रहूंगा जिंदानिरीह प्राणियों की, बलि चढ़ा कर,क्यों करता है इंसानियत को शर्मिंदा ? हिन्दू-मुस्लिम…

Comments Off on वाह री! इंसानियत

ओम नमः शिवाय

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** शीतल सुशोभित चन्द्र मस्तकललित शोभा धाम है,आराध्य शिव शंकर उमापतिकोटि-कोटि प्रणाम है। प्रभु विश्व के रक्षक गले मेंसर्प का श्रृंगार है,पीकर हलाहल गरल हरतेविश्व का सब भार…

Comments Off on ओम नमः शिवाय

आज फिर तू याद आ गया…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ खुशियों का यह संसार,मेरे जीवन की बहारजब मेरे घर तू आया थाबहारों की हरियाली लाया था। हम सब खुश थे तेरे आने पर बेटा,तू हमारी…

Comments Off on आज फिर तू याद आ गया…

बस डूबे रहें सावन की मस्ती में

मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’मुम्बई (महाराष्ट्र)****************************************** मेघ, सावन और ईश्वर... प्रकृति की सुंदरता लिए हरियाली की चुनर ओढ़े,बादलों से बरस रहीं रिमझिम फुहारें हैं,यह सावन मास की तैयारी है। हरा वस्त्र, हरी…

Comments Off on बस डूबे रहें सावन की मस्ती में

खुले आज अहसास-ए-कपाट

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* खुले आज अहसास-ए-कपाट,अक्ल की दुनिया देखा ललाटदेखा विरोधाभास दोनों में,खोया सोच की दुनिया मेंकहाँ हूँ मैं और मेरी सोच,ढूँढता रहा आज तक अक्ल विरत।…

Comments Off on खुले आज अहसास-ए-कपाट

सावन की रुत आई

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* मेघ, सावन और ईश्वर... घनघोर घटाएं उमड़-घुमड़ कर आसमां में छाई,चहुँ दिशा में बरसे बादल, जब काली घटाएं आई। बरसे बदरा झम-झमाझम मौसम ने ली अंगड़ाई,जमकर…

Comments Off on सावन की रुत आई

मेरे महाकाल सरकार

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ शिव शंकर भोलेनाथ है गिरजापति महादेव ओमकार,आपकी पूजा हमारी आराधनाहम भक्तों पर करते हो आप उपकार,सदा रक्षा करते हो मेरे महाकाल सरकार। घोर अंधकार में…

Comments Off on मेरे महाकाल सरकार

वीर सैनिक थे हमारे

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** भरी दोपहरी चढ़ पहाड़ी पर,दुश्मनों को वहाँ से खदेड़ा थापाकिस्तान के नथुने फूला कर,रणबांकुरों ने किया बखेड़ा था। सरहदों की सुरक्षा खातिर उन्होंने,अपने सीने में खाई…

Comments Off on वीर सैनिक थे हमारे

सावन में भी रोती है धरती

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** मेघ, सावन और ईश्वर... सावन के मौसम में भी, प्यासी धरती रोती है,पीने को नहीं है पानी, जनता जल बिन रोती है।बूँद-बूँद पानी की खातिर, जब जनता…

Comments Off on सावन में भी रोती है धरती