इंतज़ार

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* जो बात तुमसे कहनी थी,वह बात बताना भूल ही गयादिल में एक कसक-सी थी,उसे जताना भूल ही गया। जताता भी कैसे इस मुरझाए दिल से,जो बात…

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गुरुदेव वचन

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* गुरु पूर्णिमा (२१ जुलाई) विशेष... गुरु वचन ज्ञान-रस पागे,स्व-शिष्यों को तारन हित, वे अपनी सुविधा त्यागे। करती शुभ-शब्दों से वंदन,वे हैं शिव मस्तक का…

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गुरु महिमा है अतिगहन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* गुरु पूर्णिमा (२१ जुलाई) विशेष... करूँ विनत नमन गुरु पूर्णिमा, ज्ञान बुद्धि आलोकित पाऊँसुख वैभव पा कीर्ति लोक में, विषम सकल मन शोक मिटाऊँ।…

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गुरु वंदन, नमन करता मन

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** गुरु पूर्णिमा (२१ जुलाई) विशेष.... तुम चाहो अपना लो मुझको,तुम चाहो खोलो भव-बंधनतुम चाहो इसमें रंग भर दो,निसदिन करूँ तुम्हारा वंदन। दिव्य दूत बन तुम हर लेते,कुंठित…

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आदत

डॉ. बालकृष्ण महाजननागपुर ( महाराष्ट्र)*********************************** हमें आदत है,दूसरों के कंधों काभार सहने की।फिर,हम उठा लेते हैं-स्वार्थी लोगों केकंधों का भार,औरहम फँस जाते हैं,बार-बार।तब याद आता है,'आ बैल मुझे मार॥' परिचय- नागपुर…

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जग सूना लगे तेरे बिना

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** गलियारे सूने से लगते,खिड़कियाँ हमेशा रहती बंदकोयल भी वृक्ष पर नहीं कूकती,कबूतर के कतरे पंख की तरहहो गई है प्रेम चिट्ठियाँ। बदल गए बरसों में चेहरे,बगीचे बन…

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जादुई बीन

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हे कान्हा, कैसे जादुई बीन बजा लेते हो!पल भर में सबको, मनमोहित करते हो।बंसी की धुन सुन, मोरनी चली आतीं हैं,तेरी बंसी की धुन, पनहारन को…

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प्यासी धरती ताक रही अम्बर को

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** प्यासी धरती तपस्विनी-सी ताक रही है अम्बर को,थोड़ा जल बरसा दे रे मेघा, रोक दे ऐसे मंजर को। जगह-जगह से मेरा आँचल दरक गया है,बिन पानी के…

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इन्हें उड़ जाने दो…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ कल्पनाओं की यह ऊँची उड़ानें,धरती से आसमान में पहुँचने के लिएअब इन्हें भी पंख फैलाने दो,ये बेटियाँ हैं, इन्हें उड़ जाने दो। हर एक क्षेत्र…

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दशावतार स्तुति

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’ मुंगेर (बिहार) *************************************************** श्रीराम मेरे भगवान मेरे,नित-नित मैं जपूँ बस नाम तेरेकाशी में रहूँ या रहूँ मैं कहीं,प्रभु आप रहें स्मरण में मेरे। असुरों ने जब अत्याचार…

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