राह अधूरी थी

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* तुम अपनी जगह,मैं अपनी जगहसाथ चलने लगे,दिल मिलने लगे। हौले-हौले जिंदगी,के तार जुड़ने लगेदूर रहकर भी,चेहरे खिलने लगे। इंतज़ार की घड़ियाँ,सब्र का इम्तहान लेती रहीवो मुस्कुराते…

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प्यार लुटाती है माँ

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* माँ और हम (मातृ दिवस विशेष)... असीम प्यार लुटाती है माँ,हर गम को भुला दुलार करती है माँ। आँचल का दूध पिला स्नेह दिखाती है माँ,सबसे…

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आज छवि मैं लिए हाथ में

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** माँ तुमसे बातें करनी हैं,इसीलिए छवि लिए हाथ मेंकितनी बातें तुम्हें बतानी,मधुर पीर जो लिए हृदय में। तेरे सौरभ से गृह विलसित,जीवन पथ हो जाता विकसितधीरे-धीरे उतर…

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ममता की मूरत

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ माँ और हम (मातृ दिवस विशेष)... माँ सपनों की दुनिया नहीं,तू ममता की मूरत है…हाँ, माँ हम बच्चों के लिएचाँद और सूरज है। तेरे बिना…

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वट वृक्ष-सी माँ

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** माँ और हम (मातृ दिवस विशेष)... माँ बनकर, माँ को समझा,माँ जैसा ना जग में कोईगर्भ-नाल से जुड़ा ये रिश्ताऔर है भला कहाँ कोई। पहला कम्पन और…

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मिट्टी का चूल्हा

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* माँ और हम (मातृ दिवस विशेष).... घर में मेरेचूल्हा था मिट्टी का,जिसमें जलती थीसूखी और गीली लकड़ियाँलाल-पीली ज्वालाओं कानाच चलता रहता था,सुर्ख़ लाल अंगारों परसिकती हुई…

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माँ तुमसे-एक कवितांजली

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* माँ और हम (मातृ दिवस विशेष)... मेरा बचपन,जिंदगी का हर वो क्षणप्यार, दुलार, मनुहारमाँ तुमसे…। जिद्दी यौवन,पल में गुस्सा, पल में मौनसब गिले-शिकवे,माँ तुमसे…। मेरी पढ़ाई…

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मॉं बहती नदी

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* माँ और हम (मातृ दिवस विशेष)... मॉं बहती है नदी की तरह,मॉं जलती है धूप की तरह। मॉं सहती है पृथ्वी की तरह,मॉं छाया…

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भाग्यशाली हूँ माँ

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* माँ और हम (मातृ दिवस विशेष).... हे माँ तुम्हारे चरणों में, मेरे पुष्प हैं अर्पित,सेवा करने के लिए, मेरे प्राण है समर्पित। आओ माँ मुझे फिर…

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तुम ममता और शक्ति

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* माँ और हम (मातृ दिवस विशेष).... मॉं तुम्हें तुझे कहूं स्नेहमयी ममता,तुझे कहूं दया त्याग और शक्तिमैं तुझे कहूं प्यारी दुलारी सखी,कहूं तुम्हें जीवनदायिनी संगीत!…

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