कर्म करते जाएँ
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ शरदपूर्णिमा की रात,खीर प्रसादी में अमृत की बूँदेंधीरे-धीरे गिर रही,अमृत मिले ना मिलेहम अपना कर्म करते जाएँ। सकारात्मकता का उत्सव है,शरद पूर्णिमा का यहराधा-कृष्ण रास करते,खीर खाते सब साथहम अपना कर्म करते जाएँ। सुख-दु:ख में साथ नहीं छूटे,राधा-कृष्ण का सदा बना रहे आशीर्वादशरद पूर्णिमा के चाँद की चाँदनी में,संकल्प लें … Read more