नमन भवानी

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** सृष्टि रचयिता, आदि शक्तिपाप नाशिनी भवानीहै शत्-शत् नमन हे शिव शक्ति,कर कल्याण हे कल्याणी। दुर्गा अखिल दुर्गति नाशिनी,सद्गति दे गति ‌प्रदायिनीगौरी, अखिल दुर्गुण नाशिनी,सामर्थ्य शक्ति…

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संसार है कैसा…!

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** यह संसार है कैसा,देखते हैं हम जैसाया सोंचते हैं वैसा,संसार है कैसा ? मिला एक किसान से,बताया वह ईमान सेसंसार है कर्म का घर,कर्म से…

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‘रामायण’ वरदान

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* धरती को मिला वरदान है,आदर्श जीवन का गान हैहे तुलसी… तेरी रामायण,पारिवारिक जीवन की शान है। हीरे-पन्ने सी यह गाथा,पावन जीवन बनाती हैघर-घर गूँजे कथा-वचन,रिश्तों का…

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प्रेम कहानी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** तेरी-मेरी प्रेम कहानी,न मैं राजा, न तू रानीप्रेम की बातें तो,तेरे-मेरे बीच दिल ने ही जानी। प्रेम होता खुशबू की तरह,ये बातें दुनिया ने मानी।प्रेम बिना…

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प्रतिक्रिया-एक लेखकीय मौन

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ सम्मान मिलने पर... भीड़ है घर पर-शुभेच्छुओं की, पत्रकारों की,सजदे में झुके माइक पूछ रहे हैं-“आपको कैसा लगा ?”प्रश्न…

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सजा हुआ उद्यान

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** नया वर्ष नवरात्रि आगमन,माता से विनती करतीऐसा भारत बने हमारा,मन में यह इच्छा रखती। हर ग़रीब के मुख में रोटी,तन पर वस्त्र, बसेरा होछोटे-बड़े सभी जन खुश…

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इतना क्यों गुमान…?

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कोई है क्या जग बड़ा ईश से,फिर भी इतना क्यों गुमान है ?कहाँ जन्म हो मौत अनिश्चित,तेरी ताकत इस जहान है। नाशवान सुख भौतिक…

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स्वागत है नवसंवत्सर

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** अबीर गुलाल फाग अभी भी,उमड़ रहा है दिशा-दिशा मेंहोरी का उल्हास छाया है हर नित,अमीत नवनीत दिशा में। गुलाल के उमड़े बादल गुल-गुलाल-सा, गुल बदन हुआ…

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कुछ यादें बचपन की

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मधुर कुछ याद बचपन की,जो चितवन पर अभी तक हैचलो बीते सुनहरे पल,वो हम फिर याद करते हैं। सुनहरे और सलोने दिन,नहीं आएँगे फिर अब जोउन्हीं को…

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मन में पूजित शिव के चरण

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)********************************** मन में पूजित शिव के चरण उठ प्रातः मनाऊं शिव को,बिल्व-पत्र लिख हृदय-समर्पण जल नहलाऊं शिव को। ‌‌भक्ति भाव से नतमस्तक हो शिव का…

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