अधूरे वादे
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** काश! तुम जिंदा होती,सपने अधूरे वादे अधूरेसब बात अधूरी,साथ अधूरा। सपने परेशान करते,यादों को बार-बार दोहरातेनींद से उठ बैठता,गला सूखने परमांगता था पानी,अब खुद उठ कर पीता…