बादल और चाँदनी
ऋचा गिरिदिल्ली******************************** कल बादल को चलते देखा,आँगन से शाम ढलते देखाचाँदनी से आँख-मिचौनी खेल,फिर जल्दी-जल्दी चलते देखा। पल आँखों से ओझल हो,दूर जा भेष बदलते देखातारे गवाही दे रहे…
ऋचा गिरिदिल्ली******************************** कल बादल को चलते देखा,आँगन से शाम ढलते देखाचाँदनी से आँख-मिचौनी खेल,फिर जल्दी-जल्दी चलते देखा। पल आँखों से ओझल हो,दूर जा भेष बदलते देखातारे गवाही दे रहे…
सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* स्वर्णिम मेरे भारत का,इतिहास रंगा जांबाज़ी सेकुरेद रही पन्ना-पन्ना,जो अटा पड़ा शौर्य-गाथा से। जो गर्व मेरा, सबसे मंगल,मस्तक ऊँचा कर देता हैकहीं नहीं ऐसे बलिदानी सुने,जैसे…
मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’मुम्बई (महाराष्ट्र)****************************************** छत्रपति शिवाजीराजे महाराज जयन्ती (१९ फरवरी) विशेष.... जो करता था धर्म की रक्षा,मातृभूमि थी सर्वप्रथम जिसकी सर्वदा। माता के आदर्शों का पालन,पिता के मूल्यों का रक्षण।…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** छत्रपति शिवाजीराजे महाराज जयन्ती (१९ फरवरी) विशेष.... वीर शिवाजी अमर मराठा,गाते सब हैं जिनकी गाथाउनकी सुनो कहानी,वो तो वीर बड़े अभिमानी। माँ जीजा से सुनी कहानी,कभी किसी…
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* एक लहर हूँ,तुम मिलो तो किनारा बन जाऊँ…एक मझधार हूँ,तुम मिलो तो पत्थर बन जाऊँ…। एक लम्हा हूँ,तुम मिलो तो दास्ताँ लिख जाऊँ…एक हवा का झोंका…
पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ बहुत दिनों के बाद पकड़ में आई हो…थोड़ी-सी खिलखिलाती 'हँसी'तो मैंने पूछा-कहाँ रहती हो आजकल ?ज्यादा मिलती नहीं…,यहीं तो हूँ… जवाब मिला। मैं बोली, बहुत भाव खाती…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* ओ राह के मुसाफिर,थोड़ी-सी जगह हमें देनापहुंच जाएंगे हम भी पथ पर,थोड़ी-सी जगह हमें देना। नहीं भटकेंगे राह तनिक भी,गर सहारा हमें मिल जाएगापथ के राही…
डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** हरियाली धरती की शान,पौधे देते हमें जीवनदानफल-फूल जड़ी-बूटी की खान,ये महकाए समस्त जहान। किरणें जब इस पर पड़ जाएं,सुखद सुहाना दृश्य दिखाएंजब हवा के संग…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** आर्यावर्त की आस्था ज्वार-सी जग गई,सनातन संस्कृति में दुनिया लग गईप्रयाग में आस्था सैलाब बन बह गई,महाकुम्भ में भक्ति डेढ़ माह तक रह गई। व्यवस्था…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जीते रहिए सुकून की जिंदगी,तेरी-मेरी में क्या रखा है ?अपनी मेहनत की कमाई खाओ,हेरा-फेरी में क्या रखा है। हेरा-फेरी करते-करते,सारी ज़िंदगी गुज़र जाएगीमगर तेरी नेक कमाई,कहीं नजर…