वीर संग्रामी मुर्मू

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** अमर शहीद वीर तिलका माँझी जयंती (११ फरवरी) विशेष... पवित्र गंगा सुल्तानगंज संथाली माटी के न्यारे,महाबली धनुर्धर संथाल परगना की आँखों के तारे११ फरवरी १७५०…

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प्रयाग नगरी महान

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ जय-जय प्रयाग नगरी महान,तेरी सुन्दर छवि पर दिखतासारी दुनिया का है रुझान। तू तपोभूमि ऋषि-मुनियों की,तू जननी अद्भुत गुनियों कीतू कला तीर्थ ओ तीर्थ कला,वैभव न कहीं तेरे…

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साथ हूँ मैं तुम्हारे

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** अजी क्यों निगाहें चुराए खड़े हो,कहो बात क्या है छुपाए खड़े होसुनो, मीत मेरे मुझे ना सताओ,करो बात यारा जिया ना जलाओ। परेशान हो क्यों पिया…

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एक राह और एक लक्ष्य

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** लक्ष्य को पाना भी लक्ष्य है,जीवन की राह कठिन होसफलता पाना भी लक्ष्य है,लक्ष्य कभी ना डगमगाना है। अर्जुन-सा बाण साधना है,राह पर हो सदा रहे अडिग।सफलता…

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हाथों का करिश्मा

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** दो हाथों का करिश्मा, जाने सकल जहान।जैसे भी वर्णन करो, इसका नहीं बखान॥इसका नहीं बखान, करिश्मे करती ज़्यादा।नारी करती पूर्ण, अगर वह करती वादा॥घर बन जाए स्वर्ग,…

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वर दो

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* पुस्तकधारिणी वीणापाणि,ज्ञान सुधा उर भर दोरहूँ सदा तेरी गुण गाती,माता मुझको वर दो। कर दो मन से दूर अँधेरा,माँ ज्योतिर्मय कर दोबढ़कर थामों हाथ हमारा,मन ऊर्जा…

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प्रार्थना वीणावादिनी से…

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* बसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव... हे वीणावादिनी! तू इतना भला आज मेरा कर दे,मानव के श्रेष्ठ गुणों से लबालब तू मेरा दामन भर…

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लगता ‘बसंत’ था…

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* बसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव... खुशियों भरी ऋतु,कलियों, फूलों, बहारों कानवचेतन मन का,उल्लासित तन कारंग-बिरंगी सपनों का,आम की बयार काभौंरों की गुंजन का,कोयल…

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जलता रहे प्रेम दीप

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** न कोई चाहत, न कोई शर्त, बस प्रेम का उजियारा,मन से मन का संग जुड़ा, जैसे चंद्र का तारा। ना स्वार्थ, ना अभिमान, बस एक निश्चल धारा,जो…

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घोला प्रेम रंग

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* घोला प्रेम रंग रस थोड़ा,डूब प्रेम में प्रेम निचोड़ाप्रेम धूप रख प्रेम सिखाते,आया है फरवरी माह निगोडा़…। प्रेमरोग हर दिल में छाया,उस पर बसंत यह बौरायाप्रेम उगा…

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