घोला प्रेम रंग

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* घोला प्रेम रंग रस थोड़ा,डूब प्रेम में प्रेम निचोड़ाप्रेम धूप रख प्रेम सिखाते,आया है फरवरी माह निगोडा़…। प्रेमरोग हर दिल में छाया,उस पर बसंत यह बौरायाप्रेम उगा…

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पुतले-सी देह

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* बेतहाशा भागते-दौड़ते,गाड़ियों की सवारी करतेखड़े-बैठे गपशप करते…मैंने केवल देह को देखा। लाइन में लगते, टांग खींचते,धक्का-मुक्की जबरन करतेहर गली और चौराहे में,मैंने केवल देह को देखा।…

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नारी क्यों अंधकार में ?

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मिली बहुत दिन बाद सहेलीगले लगाया पर वह मौन,मैंने पूछा उससे-बहनाकहो सताता तुमको कौन ? बहती आँखों के अश्रुधार नेदुःख उसका बता दिया,ठीक नहीं है कुछ तो…

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मेरी मर्जी

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* मर्ज अड़ा है मर्जी का…लेकर चलता, है मुश्किल,इस तोहफे के नाकाबिलछलनी-छलनी दरका यह,नन्हा दिल हजारों कील। ठहर जवाब अभी दूंगा,दुनिया की खुदगर्जी का…मर्ज अड़ा है मर्जी का…॥…

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पीला बसंत

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** बसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव... बसंत पंचमी का उत्सव,माँ सरस्वती को समर्पित हैपूजा करके उनको पीले फूल,पीले वस्त्र करते समर्पित हैं।…

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महापर्व चलो कुम्भ

सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** चले हम तो चले,रेलम-रेल चलेपनघट नहीं घाट चले,माँ गंगा के द्वार चले। तप-जप नाम करे,भक्ति भाव आस्था लिएपग न डग-मग हो जाए,आस्था के सैलाब…

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राष्ट्रभक्ति के दीवाने

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दो बूँद आँसू की न निकले, देश पे मरनेवालों पे,दिन-रात चौकसी चौकन्ने, नींद रहित अहर्निश परवानेबेफिक्र कुटुम्बों से होकर, जो राष्ट्रभक्ति के दीवाने,हमने जन्मा…

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मिले करार दिल से

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* इबादतों-सी रहे मुहब्बत, मिले दिलों को करार दिल सेइनायतें भी कुदरती हों, न हो कभी बेकरार दिल से। बना रहे महबूब दिल तो, खुदा रखें…

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बदला-बदला बसंत

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** बसंन्त पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव... बसंत!तुम्हारे बदले स्वरूप ने चौंका दियाहै,नव कलियों के संगीत ने मौन साध लिया हैनभ के इस अनंत…

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प्रेम-प्रकाश से संसार भर दे

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* वसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव वीणा वादिनि,विद्या दायिनीमाँ शारदे हमें वर दे,जीवन पथ में उजियारा भर दे। हंस वाहिनी,ज्ञान प्रदायिनीहे माँ सरस्वती,अज्ञानता से…

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