मुश्किल हो गया सफ़र
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* बड़ा ही मुश्किल-सा हो गया है जीवन का सफ़र,उलझनों के संग गुज़र रहा है जीवन का सफ़र। समझ ही नहीं पाता है कोई, कैसे जी रहे…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* बड़ा ही मुश्किल-सा हो गया है जीवन का सफ़र,उलझनों के संग गुज़र रहा है जीवन का सफ़र। समझ ही नहीं पाता है कोई, कैसे जी रहे…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आओ सब मिल सजग जागरण चलो साथ हम पेड़ लगाएँ,पुनः सजाएँ सुन्दर कुदरत जो संजीवन आधार बनाएँहो कुदरत का अद्भुत सर्जन, हो भू जलाग्नि…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** जन्म, जीवन, वंश सब येजीव के वश में नहीं,समय, काल, परिस्थिति परभी तो अपना वश नहीं। क्या है जाति और कुल ?आता समझ में कुछ नहीं,रूप-रंग जो…
दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* तन्हाई से दोस्ती कर ली हमने,रिश्तों ने बहुत रुलाया हैअपनों की गलियाँ छोड़कर,वीराने में आशियाना बनाया है।तन्हाई से दोस्ती कर ली हमने… अंधेरों से दोस्ती कर ली…
जी.एल. जैनजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* होती दोस्त की दोस्ती सही,बीमारी दूर भागती है सभीमिलता है जब दोस्त लगता है,साँस मिली खुली हवा में जैसीमज़ाक भी लगती है दोस्त की,दीवाली की फुलझड़ी जैसी।…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** मेरे अंगना में आई बरसात रे,चिड़िया लोट रही थी धूल मेंकाले बदरा घुमड़ रहे दिल में,पत्तों पर छाई बूँदों की छाप रे।मेरे अंगना में आई बरसात…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* मैं हूँ हिंदूतुम मुसलमान,तेरा है कुरानरामायण मेरा ईमान,पर सबसे आगे हैहमारा हिंदुस्तान और-हम दोनों ही हैं इंसान। मेरा लहू लालतेरा भी है लाल,मैं भारत माँ…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जाने दो जाने वाले को, नाहक चिन्ता तुम करते हो,उठो जाग चल पौरुष नव पथ, नव नई सोच तुम गढ़ते होपृथक-पृथक चिन्तन अन्तर्मन, नाश…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* महामृत्युँजय के निरंतर जाप में, जैसे निकल रही हो प्रेत यात्राएंठीक वैसे ही आज हो रही है, पर्यावरण की बेशुमार वलग्नाएंजय घोष ही जय घोष सब…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** 'विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस' (७ जून) विशेष... हर थाली में हो जीवन की चमक,ना हो कहीं भी ज़हर की लपटविश्व खाद्य सुरक्षा का ये पैग़ाम,जगाएं इंसानियत…