चमकता सूरज, उपयोग हित करें

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** सूर्य चमकता है मुझमें,ज्योति से ही तो जीवित हूँहै अस्तित्व मेरा आपसे ही,मैं आपसे ही तो पोषित हूँ। प्राणी बनाया श्रेष्ठ मुझको,राज्य पृथ्वी पर करूँअपनी ज्योति बुद्धि…

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शक्तिरूप है ज्योति

धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************************* जगमग ज्योति जले (दीपावली विशेष).... यह दीप की ज्योति जैसे,देती ऊर्जा शक्ति और ज्ञानप्रेम, दया को जिसने माना,जगमग हुआ उसका संसार। एक मन की आस…

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प्यार की पहली नज़र

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** उस नज़र के सदके जाऊं,जब तुमसे प्यार हुआउस नज़र पर कुर्बान जाऊं,जब तुम्हारा दीदार हुआ। जब देखा तुम्हें पहली बार,हम सुध-बुध खो बैठेपहिली नज़र…

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दीप जलाएँ ऐसे, कहीं बचे न अँधियारा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दीप जलाएँ हम सब ऐसे कहीं अँधियारा नहीं बचेगा,ईर्ष्या, द्वेष, अनल अन्तर्मन समरस दीप जलाना होगा। लालच बेबस दहशत दुश्मन सबको साथ मिटाना होगा,भारत…

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मन- मंदिर में दीप जलाओ

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* जगमग जीवन ज्योति (दीपावली विशेष)... मन मंदिर में दीप जलाओ,फैलेगा चारों ओर उजालाजीवन बनेगा तेरा स्वर्णिम,मन में रहे नहीं कोई काला। स्वच्छ मन के…

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सब कुछ जग में प्रभु से

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* प्रभु से धरती, प्रभु से अम्बर, हर जीवन भी प्रभु से।फिर जीवन को सुख-दुख के, ॥ मानव के कर्मों से ही, फल सुख-दुख के मिलते…

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गरीबी नहीं देखते दीप

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** घरों पर जलते दीपक,अमीरी-गरीबी नहीं देखतेवे तो अपना जलने का कर्म करते,अंधकार की समस्या कासमाधान करते,और लाते खुशियों की बहार। जलते दीपक तो मन मुस्कुराते,जगमग जगमग रोशनी…

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नव दीप जलाओ

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ नव दीप जलाओ,त्योहारों की खुशियों में सब शामिल हो जाओयह उल्लास, उमंगता जीवन में अनमोल होती है,आओ नव दीप जलाओ। संसार के चक्रव्यूह में घिरते…

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घर-घर दीप जलाए जा

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** साफ-सफाई कराए जा,घर-घर दीप जलाए जाराम-राम सब गाये जा,फूल से गाँव सजाए जा।खुशियाँ खूब मनाए जा,राम की आश लगाए जाहृदय पवित्र बनाए जा,अंधकार मिटाए जा।जगमग…

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जरा रुक

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** जरा रुक ऐ मनुष्य,किसलिए यूँ दौड़ लगाते हो ?क्षणिक सुख पाने के लिए,क्यों अपना सर्वस्व गवाते हो ?इसलिए ऐ मनुष्य, जरा रुक… जरा रुक विश्राम कर,अपने…

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